उत्तराखंड की वंदना कटारिया, तीन गोल कर इतिहास के पन्नों में हुई दर्ज

उत्तराखंड की वंदना कटारिया, तीन गोल कर इतिहास के पन्नों में हुई दर्ज

टोक्यो ओलंपिक में हैट्रिक लगाने वाली उत्तराखंड की वंदना कटारिया का नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया है। हरिद्वार की वंदना ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ करो या मरो के मैच में एक के बाद एक तीन गोल कर टीम को जीत दिलाई। ओलंपिक में हैट्रिक करने वाली वंदना भारत की पहली महिला खिलाड़ी हैं। हाकी इंडिया ने भी वंदना को ट्वीट कर उनकी इस उपलब्धि के लिए बधाई दी है। वंदना की इस सफलता पर उनके घर में जश्न का माहौल है।वंदना कटारिया का परिवार हरिद्वार के रोशनाबाद में रहता है। हरिद्वार भेल से सेवानिवृत्त के बाद वंदना के पिता ने रोशनाबाद में दूध का व्यवसाय शुरू किया था। उनकी सरपरस्ती में वंदना कटारिया ने रोशनाबाद से अपनी हाकी की यात्रा शुरू की। उस वक्त गांव में वंदना के इस कदम को लेकर स्थानीय लोगों ने परिवार के साथ उनका भी मजाक उड़ाया था। पिता नाहर सिंह और माता सोरण देवी ने इसकी परवाह न करते हुए वंदना के सपने को साकार करने के लिए हर कदम पर उसकी सहायता की।वंदना के पिता की इच्छा थी कि बेटी ओलंपिक में स्वर्ण पदक विजेता टीम का हिस्सा बनें। पिता के इस सपने को साकार करने के लिए भारतीय टीम के कैंप में वंदना ने अपनी तैयारियों के लिए जी-जान एक कर दी थी। तैयारियों के दौरान पिता की मृत्यु का समाचार उसे मिला। असमंजस की स्थिति यह कि एक तरफ मन कह रहा था कि पिता के अंतिम दर्शन के साथ अंतिम विदाई देने को घर जाना है, दूसरी तरफ पिता के सपने को साकार करने की ख्वाहिश। ऐसे समय में वंदना के भाई पंकज व मां सोरण देवी ने संबल प्रदान किया। मां सोरण देवी का कहना है कि हमने वंदना से कहा कि जिस उद्देश्य की कामना को लेकर मेहनत कर रही हो पहले उसे पूरा करो, पिता का आशीर्वाद सदैव तुम्हारे साथ रहेगा