आइये जानते है क्या होता है खरमास?

आइये जानते है क्या होता है खरमास?

आज से खरमास शुरू हो रहे हैं पर यह खरमास जाड़े की खरमास से अलग होता है। खरमास प्रत्येक वर्ष में दो बार लगता है। मार्च महीने में लगने वाले खरमास में काफी कुछ अलग होता है। इसमें आप कुछ शुभ काम कर सकते है वही जाड़े वाले खरमास में आप कोई भी शुभ काम नहीं कर सकते है। खरमास आज रात सूर्य 12 बजकर 16 मिनट में कुंभ राशि से निकलकर मीन राशि में प्रवेश करेंगे और 14 अप्रैल की सुबह 8 बजकर 43 मिनट तक यहीं पर रहेंगे। इसके साथ ही पूरे एक माह तक खरमास रहेगा और कोई भी मांगलिक काम नहीं होगे। हिंदू मान्यताओं के अनुसार खरमास का बहुत अधिक महत्व है। जिस दिन सूर्य किसी राशि में प्रवेश करते हैं तो वह संक्रांति के नाम से भी जानी जाती है।

आइये जानते है क्या होता है खरमास?

हिंदू पंचांग के अनुसार, जब सूर्य धनु या मीन राशि में प्रवेश करता है तो खरमास शुरू हो जाते हैं। ऐसा साल में दो बार होता है। इस पूरे माह को मलमास, खरमास या फिर अधिक मास के रूप में जाना जाता है। वहीं ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब सूर्य गुरु की राशि मीन या धनु में प्रवेश करता हैं तो खरमास दोष लगता है। इसी कारण इस काल के दौरान को मांगलिक काम करने से नुकसान होता है।खरमास के दौरान कोई भी शुभ काम मुंडन, ग्रह प्रवेश, शादी आदि काम नहीं किए जाते हैं। इस पूरे माह भगवान सूर्य की पूजा करने का विधान है। खरमास के दौरान स्नान-दान का बहुत अधिक महत्व है। इसलिए अपनी आस्था के अनुसार दान करे। इससे आपको पुण्य फलों की प्राप्ति होगी।

खरमास के दौरान कौन से काम नहीं करने चाहिए

शास्त्रों के अनुसार खरमास के दौरान शुद्ध शाकाहारी भोजन करना चाहिए। इस पूरे माह में तामसिक भोजन यानी लहसुन, प्याज आदि का सेवन नहीं करना चाहिए। खरमास के दौरान तांबे के बर्तन में रखा हुआ पानी और दूध का सेवन नहीं करना चाहिए। इससे सेहत पर बुरी असर पड़ता है।
मान्यताओं के अनुसार, खरमास के दौरान गाजर, मूली, तेल, चावल, तिल, बथुआ, मूंग, पीपल, सोंठ, आंवला आदि का सेवन करने की मनाही होती है।
खरमास के दौरान मुंडन, यज्ञोपवीत, कर्णवेध, अन्न संस्कार, लड़की की मायके से विदाई यानी समावर्तन, पहली तीर्थ यात्रा, विवाह आदि करने की मनाही है।
खरमास के दौरान कोई भी नई चीज जैसे वाहन, घर, प्लाट, रत्न-आभूषण आदि नहीं खरीदना चाहिए।