क्या दोबारा कोविड-19 संक्रमण होने पर लक्षण हल्के होते हैं?

क्या दोबारा कोविड-19 संक्रमण होने पर लक्षण हल्के होते हैं?

जब कोरोना वायरस का नया वैरिएंट ओमिक्रॉन आया है, तब से कोविड-19 के लक्षण पहले से कुछ हल्के देखे जा रहे हैं। एक्सपर्ट्स के अनुसार, डेल्टा की तुलना यह भारी उत्परिवर्तित रूप कम गंभीर बीमारियों का कारण बनता है, जिससे गले में ख़राश, नाक बहना, थकान और पीठ दर्द जैसे ठंड के लक्षण दिखाई देते हैं। कुछ मामलों में, लोगों ने मतली, उल्टी और भूख न लगने जैसे गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल लक्षणों की शिकायत भी की है। साथ ही, एक्सपर्ट्स ने कोविड के री-इंफेक्शन को लेकर भी चेताया है, जो पिछली वैरिएंट्स में नहीं देखा गया था।

कोविड का दोबारा इंफेक्शन हो जाने का क्या मतलब है?

रीइंफेक्शन का मतलब है जब एक व्यक्ति किसी बीमारी से संक्रमित हो जाता है, फिर समय के साथ रिकवर हो जाता है, लेकिन उसे फिर वही बीमारी दोबारा हो जाती है। CDC के मुाबिक, कोविड-19 से एक बार रिकवर हो जाने के बाद, अधिकांश लोगों को बार-बार होने वाले संक्रमणों से कुछ सुरक्षा मिल जाती है। हालांकि, अमेरिकी हेल्थ एजेंसी के मुताबिक, कोविड-19 के बाद दोबारा संक्रमण हो सकता है, लेकिन इस बारे में ज़्यादा शोध का इंतज़ार है।

क्या दोबारा हुए संक्रमण के लक्षण कम गंभीर होते हैं?

जैसा कि हम जानते हैं, कि जिन लोगों को वैक्सीन की पूरी डोज़ लग चुकी है, वे उन लोगों की तुलना जिन्हें वैक्सीन नहीं लगी है, कोविड​​​​-19 के गंभीर संक्रमण से अच्छी तरह से सुरक्षित हैं। इसी तरह, एक्सपर्ट्स का मानना है कि जिन लोगों को एक बार कोविड-19 संक्रमण हो चुका है वे अगली बार हल्का या कम गंभीर इंफेक्शन का अनुभव करते हैं। ऐसा इसलिए, क्योंकि ऐसा माना जा रहा है कि जिस व्यक्ति को दोबारा कोविड होता है उसके शरीर में पहले इंफेक्शन से मिली कुछ इम्यूनिटी बची होती है। साथ ही अब ज़्यादातर लोगों को कोविड वैक्सीन की दोनों डोज़ लग चुकी हैं, साथ ही कई को बूस्टर डोज़ भी लगाई जा चुकी है, जिससे उनकी इम्यूनिटी का स्तर अच्छा हो गया है। हालांकि, एक्सपर्ट्स का यह भी मानना है कि लक्षण कैसे होंगे यह इस पर भी निर्भर करता है कि आप किस वैरिएंट से संक्रमित हुए हैं।

बार-बार कोविड संक्रमण होने की संभावना क्यों है?

पहले हुई रिसर्च से पता चलता है कि प्राकृतिक संक्रमण से मिली इम्यूनिटी 6 महिने या उससे ज़्यादा समय तक रहती है। यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन (यूसीएल) के शोधकर्ताओं की एक टीम द्वारा किए गए एक अन्य अध्ययन से पता चलता है कि अगर कोविड हो चुका है तो उसके बाद 10 महीने तक बीमारी के विकास का जोखिम कम हो जाता है।

हालांकि, यह कहना मुश्किल है कि कोविड-19 से दोबारा संक्रमित हो सकते हैं या नहीं, कमजोर प्रतिरक्षा एक ऐसा विषय है जिस पर वैज्ञानिक और डॉक्टर महामारी की शुरुआत से ही चर्चा कर रहे हैं। वैज्ञानिकों का मानना ​​है कि एक निश्चित समय के साथ संक्रमण से मिली प्राकृतिक प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है, जो वैक्सीन से मिली प्रतिरक्षा के साथ भी है। यही वजह है कि पिछले कुछ समय से वैक्सीन बूस्टर की मांग बढ़ गई है।