श्रीराम जन्मभूमि प्राण प्रतिष्ठा में शौर्य उत्सव सह कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया।
आधुनिक भारत साहित्य भारतीय स्मिता और भारतीय संस्कृति उत्थान पर अपने विचार व्यक्त किया। संगठन मंत्री बाल्मीकि कुमार ने अपनी रचना
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र अयोध्या धाम में भव्य राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के उपलक्ष्य में शौर्य उत्सव सह कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। अखिल भारतीय साहित्य परिषद बिहार की सीतामढ़ी इकाई द्वारा रिंग बांध स्थित प्राइवेट स्कूल में आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता वरीय साहित्यकार बच्चा प्रसाद विह्वल व संचालन अखिल भारतीय साहित्य परिषद के पूर्व जिला अध्यक्ष मुरलीधर झा मधुकर ने किया। कवि सम्मेलन का श्री गणेश आचार्य धीरेंद्र झा माणिक्य ने अपनी रचना भारत के लाल राम करुणा निधान है।
कवि राजेंद्र सहनी ने पांच सौ वर्षों के बाद पुण्य दिन आया है. कविता पढ़कर श्री राम मंदिर इतिहास से अवगत कराया। मुरलीधर झा मधुकर ने अपनी रचना " रघुनंदन तुम कब लोगे सीता की खबरिया.व मंदिर विराजे रघुरैया सरजू गाए बधैया.गीत से सियाराम नाम गुणगान किया गया। युवा कवि आग्नेय कुमार ने अपनी रचना अवधपुरी जाने को जी चाहता है, श्री राम जन्मभूमि दर्शन को जी चाहता है .गाकर खूब तालियां बटोरी। प्रो. विनय चौधरी ने श्री राम मंदिर निर्माण को सांस्कृतिक पुनरुत्थान का काल बताकर अपनी कला दिखाई ।
आधुनिक भारत साहित्य भारतीय स्मिता और भारतीय संस्कृति उत्थान पर अपने विचार व्यक्त किया। संगठन मंत्री बाल्मीकि कुमार ने अपनी रचना बहुत सताया रामलला को सत्ता के दीवानों ने, बन्दी भाँति समय गुजारा संगीनों के पहरों में. प्रस्तुत कर लोगों को मंत्र मुग्ध किया। वहीं बच्चा प्रसाद विह्वल ने अपनी कविता जन्मभूमि निवास करने राम अयोध्या आए,अवध नगरी में है उल्लास राम अयोध्या आए .गीत प्रस्तुत कर लोगों को भाव विभोर कर दिया।
विद्यालय के प्राचार्य अंजनी कुमार ने सभी कवियों को नववर्ष का कैलेंडर डायरी और कलम से सम्मानित किया। अखिल भारतीय साहित्य परिषद की तरफ से प्राचार्य अंजनि कुमार एवं पत्रकार विनोद कुमार गिरी को प्रशस्ति पत्र एवं श्री राम नाम अंग वस्त्र सम्मानित किया। साथ ही श्री राम जन्मभूमि अयोध्या धाम में प्राण प्रतिष्ठा के अवसर के दिन घर में रंगोली बनाकर सियाराम नाम संकीर्तन में शामिल होने का निवेदन किया। महोत्सव की तैयारी में सभी यादगार काम किया।
संगठन मंत्री वाल्मीकि कुमार ने कहा कि साहित्यकारों के लिए भी यह अवसर अद्वितीय हैं। इन दिनों की रचनाएँ आने वाले समय मे सर्वत्र पठनीय होगी। उन्होंने जिले के साहित्यकारों से बेहतर कविता लिखने व प्रस्तुति की अपील की।मौके पर सौम्य कुमार समेत अन्य लोग मौजूद रहे।