होम-कार लोन हुआ सस्ता, RBI ने रेपो रेट 25 आधार अंक घटाया

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने महंगाई के जोखिम के कम होने और आर्थिक गतिविधियों को सुस्ती से उबारकर तीव्र गति देने के उद्देश्य से बुधवार को नीतिगत दरों में लगातार दूसरी बार 0.25 प्रतिशत की कटौती करने का निर्णय लिया, जिससे घर, कार और अन्य तरह के ऋण की किस्तों में कमी आने की उम्मीद लगाये लोगों को बड़ी राहत मिली है।

होम-कार लोन हुआ सस्ता,  RBI ने रेपो रेट 25 आधार अंक घटाया
प्रतीकात्मक तस्वीर

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने महंगाई के जोखिम के कम होने और आर्थिक गतिविधियों को सुस्ती से उबारकर तीव्र गति देने के उद्देश्य से बुधवार को नीतिगत दरों में लगातार दूसरी बार 0.25 प्रतिशत की कटौती करने का निर्णय लिया, जिससे घर, कार और अन्य तरह के ऋण की किस्तों में कमी आने की उम्मीद लगाये लोगों को बड़ी राहत मिली है।

आरबीआई के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने ​​बुधवार को चालू वित्त वर्ष की पहली द्विमासिक मौद्रिक नीति की घोषणा करते हुए सस्ते लोन का तोहफा दिया। गवर्नर मल्होत्रा ​​की अध्यक्षता में आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने सोमवार को मौद्रिक नीति की समीक्षा को लेकर तीन दिवसीय बैठक शुरू की थी। इससे पहले एमपीसी ने फरवरी में रेपो दर में 0.25 प्रतिशत घटाकर 6.25 प्रतिशत कर दिया था। यह मई, 2020 के बाद पहली कटौती और ढाई साल के बाद पहला संशोधन था। 

आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ​​ने मॉनिटरी पॉलिसी पेश करते हुए कहा कि महंगाई में कमी आई जो अच्छी बात है। एमपीसी के सभी सदस्यों ने माना कि महंगाई लक्ष्य से नीचे। गवर्नर ने कहा कि आगे के हालत रेट कटौती को तय करेंगे। अगर जरूरत पड़ेगी तो आगे भी रेपो रेट में कटौती की जाएगी। आरबीआई ने पॉलिसी को न्यूट्रल से बदलकर अकोमोडेटिव कर दिया है। 

संजय मल्होत्रा ने कहा कि दुनिया के हालात ठीक नहीं है। आरबीआई की इस पर नजर हैं। उन्होंने आगे कहा कि ज्यादा टैरिफ से एक्सपोर्ट को नुकसान पहुंचेगा। ग्लोबल उथल पुथल के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था अच्छी तरह आगे बढ़ रहा है। मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर अच्छा कर रहा है। बैंकों की स्थिति अच्छी है। हालांकि, आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था की ग्रोथ रेट को 6.7% से घटाकर 6.5% कर दिया।