बिहार को जल्द मिलेगी 342 मेगावाट से अधिक बिजली, प्रदेश में बिजली की व्यवस्था में और होगा सुधार
नटीपीसी बाढ़ स्टेज-1 की पहली यूनिट ने शनिवार को अपने 72 घंटे के ट्रायल-रन ऑपरेशन को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया. इससे बिहार को जल्द 342 मेगावाट से भी अधिक बिजली मिलने लगेगी. एनटीपीसी राज्य के औसत दैनिक आवंटन का लगभग 70% बिजली की आपूर्ति करती है. यह चार से साढ़े चार हजार मेगावाट के बीच है. बाढ़ स्टेज-1 की इस यूनिट को यह रूसी कंपनी टीपीइ के सहयोग से निर्मित किया जाना था.2015 में एनटीपीसी ने करार को रद्द कर कोरियन कंपनी मेसर्स दूसान के साथ मिलकर इसे पूरा करने का निर्णय लिया गया था. बाढ़ परियोजना के स्टेज-1 के यूनिट कंट्रोल-रूम में इस उपलब्धि को सभी से साझा करते हुए एनटीपीसी पूर्वी क्षेत्र-1 के क्षेत्रीय कार्यकारी निदेशक प्रवीण सक्सेना ने बताया कि काफी तकनीकी बाधाओं व यूनिट के मूल डिज़ाइन में आज की जरूरत के हिसाब से तकनीकी बदलाव कर पाना एक चुनौतीपूर्ण व दक्षता वाला कार्य था.इसे एनटीपीसी बाढ़ के कुशल इंजीनियरों ने अपने उत्कृष्ठ कौशल व निर्णय क्षमता से कर दिया. ट्रायल ऑपरेशन के सफल होने पर, एनटीपीसी बाढ़ के कार्यकारी निदेशक व परियोजना प्रमुख एसएन त्रिपाठी ने बधाई दी. इस अवसर पर जीएम डी साहू, जीएम परियोजना जे परिदा समेत अन्य अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे.बाढ़ सुपर थर्मल पावर परियोजना की वर्तमान व्यावसायिक स्थापित क्षमता 1320 मेगावाट है,जिससे वर्तमान में 1198 मेगावाट बिजली की आपूर्ति बिहार को की जानी है. स्टेज-1 की पहली यूनिट के वाणिज्यिक प्रचालन में आने के बाद, बिहार राज्य की बिजली क्षमता में 342 मेगावाट की अतिरिक्त वृद्धि होगी, जो बिहार के किसी छोटे जिले के पूरी विद्युत आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए काफी है.