बिहार में शुरू हुआ छठ का चार दिवसीय महापर्व, गंगा सहित तमाम नदियों के किनारे विहंगम नजारा
बिहार के तमाम हिस्सों में लोक आस्था का महापर्व छठ सोमवार को नहाय-खाय से आरंभ हो गया। व्रती नहाय-खाय के दिन गंगा स्नान करने के बाद प्रसाद स्वरूप अरवा चावल, चना की दाल, कद्दू की सब्जी, आंवले की चटनी आदि ग्रहण कर चार दिवसीय पर्व का अनुष्ठान शुरू करेंगी। इसके लिए आज भोर से ही पटना के गंगा घाटों पर व्रतियों की भीड़ उमड़ पड़ी। ऐसा ही नजारा राज्य की तमाम नदियों और जलस्रोतों के किनारे दिखा। इस बार महापर्व पर ग्रह-गोचरों का शुभ संयोग बना है। ज्योतिषाचार्य पंडित राकेश झा ने बताया कि सुकर्मा योग में नहाय-खाय के दिन व्रती प्रसाद ग्रहण करेंगी। वहीं, मंगलवार नौ नवंबर को लोहंडा यानी (खरना), 10 नवंबर बुधवार को सायंकालीन अर्घ्य एवं 11 नवंबर को उगते सूर्य को अर्घ्य देकर व्रती महापर्व का समापन करेंगी। सोमवार को नहाय-खाय के बाद कार्तिक शुक्ल की पंचमी मंगलवार को व्रती पूर्वाषाढ़ नक्षत्र व रवियोग में खरना का प्रसाद खीर, रोटी ग्रहण करने के बाद 36 घंटे का निर्जला व्रत रखेंगी। बुधवार 10 नवंबर को सूर्योपासना के तीसरे दिन छठ व्रती डूबते सूर्य को अघ्र्य देंगी। डूबते सूर्य को अघ्र्य देने से मानसिक शांति, उन्नति और प्रगति होती है। वहीं, गुरुवार को छठ व्रती उगते सूर्य को अघ्र्य देने के साथ महापर्व का समापन करेंगी।