पटना में 2600 किमी नंगे बिजली तार को हटा लगेगा एरियल बंच केबल, 350 नई जगह लगेंगे ट्रांसफॉर्मर
पटना में 2600 किमी नंगे बिजली तार को हटा लगेगा एरियल बंच केबल, 350 नई जगह लगेंगे ट्रांसफॉर्मर
राजधानी में रहने वाले 6.30 लाख बिजली उपभोक्ताओं को गर्मी में पावर कट का सामना नहीं करना पड़ेगा। बिजली के इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए केंद्र सरकार ने 6975 करोड़ की योजना को मंजूरी दी है।बिजली कंपनी मुख्यालय के अधिकारियों के मुताबिक 15 अगस्त के बाद टेंडर निकाला जाएगा। राज्य कैबिनेट की मंजूरी के बाद चयनित एजेंसी को काम मिलेगा। योजना की 40 फीसदी राशि राज्य सरकार और 60 फीसदी केंद्र से मिलेगी। पेसू क्षेत्र में 2600 किमी खुले नंगे तार को हटाकर एरियल बंच केबल लगाया जाएगा। 350 नई जगहों पर डिस्ट्रीब्यूशन ट्रांसफॉर्मर लगेंगेे। इन ट्रांसफॉर्मरों को बिजली सप्लाई देने के लिए 11 केवी का 100 सर्किट किमी नया सर्किट का निर्माण किया जाएगा। हाई वोल्टेड डिस्टीब्यूशन सिस्टम (एचबीडीएस) से होने वाले लॉस को कम कम करने के साथ तकनीकी गड़बड़ी आने पर कम से कम उपभोक्ताओं की बिजली बाधित हो।ग्रामीण क्षेत्रों में पटवन के लिए 1555 डेडिकेटेड कृषि फीडर बनेंगे। इन फीडरों के निर्माण के बाद नए इलाकों के किसानों को बिजली कनेक्शन जारी किया जाएगा। अभी राज्य में किसानों के लिए 11 केवी के 1354 डेडिकेटेड फीडर हैं। इन फीडरों से करीब 350 लाख किसानों को कृषि कार्य के लिए कनेक्शन दिया गया है। केंद्र सरकार ने रिवैम्प्ड डिस्ट्रिब्यूशन सेक्टर स्कीम (आरडीएसएस) योजना के तहत बिहार में बिजली के इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार करने और लॉस को घटाने के लिए साउथ बिहार को 3525 करोड़ और नॉर्थ बिहार को 3050 करोड़ की योजना की मंजूरी दी है। वर्तमान में बिहार का लॉस करीब 30% है। इसको घटाकर 15 से 18% करने का टास्क है। वहीं, बिलिंग सिस्टम को दुरुस्त करने के लिए 400 करोड़ की योजना मंजूर हुई है। केंद्र सरकार से मंजूरी मिलने वाली योजना को एक साल में धरातल पर उतारना होगा। यदि बिजली कंपनी अपने तय लक्ष्य को 100 फीसदी हासिल कर लेती है तो अगली किस्त जारी होगी।