बिहार में छुट्टी को लेकर के के पाठक और अलोक मेहता हुए आमने सामने
बिहार में शिक्षा व्यवस्था को लेकर बड़े सुधार की चर्चा हो रही हैं.आलोक मेहता ने कहा कि सभी छात्र-छात्राओं को अच्छी शिक्षा देना हम सरकार की पहली प्राथमिकता है।
बिहार में शिक्षा व्यवस्था को लेकर बड़े सुधार की चर्चा हो रही हैं.आलोक मेहता ने कहा कि सभी छात्र-छात्राओं को अच्छी शिक्षा देना हम सरकार की पहली प्राथमिकता है। इसके लिए हर संभव कोशिश की जा रही है। शिक्षा क्षेत्र में नए सुधार लाये जा रहे है ,इस बदलावों को सभी छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों को स्वीकार करना चाहिए। यह राज्य के बच्चों के भविष्य के लिए जरुरी है।
सोमवार को शिक्षा विभाग के मंत्री पद का कार्यभार संभालने के बाद आलोक कुमार मेहता ने पत्रकारों से कहा कि वे पिछले एक साल से शिक्षा विभाग के कार्यों को देख रहे हैं।बिहार की शिक्षा व्यवस्था में निरंतर सुधार आया है। शिक्षा विभाग की ओर से दिए जा रहे स्ट्रिक्ट निर्देश उस दवा की तरह है जो शिक्षा व्यवस्था में व्याप्त बीमारियों को दूर कर देगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव शिक्षा व्यवस्था में समूल परिवर्तन सुधार के लिए लगातार कार्य कर रहे हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि बिहार में शिक्षा के क्षेत्र में बहुत बदलाव हुए हैं, जिसका अच्छा प्रभाव पड़ा है। आने वाले दिनों में इसे और बेहतर किया जाएगा। ताकि, हर बच्चे को बेहतर-से-बेहतर शिक्षा मिले। शिक्षा विभाग जल्द ही देश में माडल बनेगा। उन्होंने यह भी कहा कि शिक्षा में सुधार को लेकर कुछ स्ट्रिक्ट कदम उठाए गए हैं, जो थोड़ी कड़वी लग सकती है, पर यह दवा का काम करेगी।
इससे पहले, मंत्री आलोक मेहता ने मदन मोहन झा स्मृति सभागार में सभी ऑफिसर के साथ बैठक की। अपर मुख्य सचिव केके पाठक भी बैठक में मौजूद थे। विभाग की ओर से प्रेजेंटेशन के सभी निदेशालयों के कार्यों के बारे में मंत्री को विस्तार से जानकारी दी गई।
बैठक में शिक्षा सचिव बैद्यनाथ यादव, माध्यमिक शिक्षा निदेशक कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव एवं प्राथमिक शिक्षा निदेशक मिथिलेश मिश्र, राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद के निदेशक सज्जन आर. और उच्च शिक्षा निदेशक रेखा कुमारी, उपनिदेशक डा. दीपक कुमार सिंह समेत अन्य अधिकारी शामिल थे।