रोहतास के मिडिल स्कूल में 'खेलो और सीखो' विधि से हो रही पढ़ाई।
रोहतास में राजकीय मध्य विद्यालय की शिक्षिका का बच्चों को पढ़ाने का अनोखा अंदाज लोगों को बहुत पसंद आ रहा है। कोरोना काल में लंबे समय तक स्कूल बंद रहने के कारण बच्चे अक्षर तक भूल गए हैं, इसलिए रोचक ढंग की होने वाली पढ़ाई से ना केवल उनमें पढ़ाई के प्रति रुचि जग रही है फिर पाठ भी याद हो रहा है
प्रशिक्षित शिक्षिका नंदनी कुमारी बताती हैं कि उन्होंने यह महसूस किया कि कोरोना काल के बाद स्कूल पहुंचे बच्चों में पढ़ाई को लेकर रुचि घटी है, इसलिए उन्होंने खेलो और सीखो विधि से बच्चों को पढ़ाना शुरू किया। देखा गया कि बच्चे काफी उत्साह के साथ इसमें भाग ले रहे हैं और अक्षर को भी फिर से सीख रहे हैं। क्लास रूम से बाहर गीत के साथ-साथ बच्चे पढ़ाई को पसंद कर रहे हैं। बच्चे ये लाइन बार-बार दोहरा रहे हैं, "निशा चली, चलती रही, घर ना मिला, 'ठ' में रुकी"। यही नहीं उन्हें बालू दे कर भी अक्षरों को लिखने को दिया गया, तो इसका रिस्पांस भी अच्छा मिल रहा है।
बताया कि वे मध्य विद्यालय की शिक्षिका हैं परंतु प्राथमिक विद्यालय के बच्चों को पढ़ाती हैं। कक्षा में लगभग 40 बच्चे हैं जो पढ़ाई के इस तरीके को बहुत पसंद करते हैं। नंदनी इतिहास के साथ-साथ शिक्षा में भी मास्टर डिग्री एमए हैं। साथ ही बीएड भी हैं। कहा कि शिक्षा शास़्त्र की पढ़ाई में प्रायोगिक शिक्षा का बच्चों पर प्रयोग करने पर इसका सकारात्मक असर पड़ता हैं। कोरोना काल के बाद जब स्कूल खुले हैं तो बच्चों की संख्या बढ़ी है, इसे बनाए रखने के लिए जरूरी है कि शिक्षा को रोचक बनाया जा सके।