बिहार में छठ के लिए चूल्हे बना रहीं मुस्लिम महिलाएं, सौहार्द्र की आंच पर बनेगा आस्‍था का प्रसाद

बिहार में छठ के लिए चूल्हे बना रहीं मुस्लिम महिलाएं, सौहार्द्र की आंच पर बनेगा आस्‍था का प्रसाद

धर्म व जाति से ऊपर होती है मानवता। इसका जीता जागता उदाहरण पटना की सड़कों पर मिट्टी के चूल्हे बनाने वालीं मुस्लिम महिलाएं हैं। लोक आस्था के महापर्व को लेकर ये महिलाएं नियमों का पालन करते हुए चूल्हे को आकार देने में जुटी हैं। छठ का प्रसाद बनाने को लेकर मिट्टी के चूल्हे बनाने का काम महीनों पहले से आरंभ हो जाता है। मुस्लिम महिलाएं छठी मइया के प्रति आस्था रख चूल्हे का निर्माण करने में जुट जाती हैं। महिलाएं चूल्हे बनाने के साथ समाज में सौहार्द्र का संदेश देती हैं। सौहार्द्र के चूल्हे पर आस्था का प्रसाद बनेगा। सूर्य की उपासना का महापर्व छठ सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल पेश करता है। छठ व्रती जिस कच्चे चूल्हे पर महापर्व छठ का प्रसाद बनाती हैं इसका निर्माण वर्षों से मुस्लिम महिलाएं करती आ रही हैं।वीरचंद पटेल पथ पर मिट्टी के चूल्हे बनाने में व्यस्त मुस्तकीमा खातून बताती हैं कि छठी मइया को लेकर बीते कई वर्षों से मिट्टी के चूल्हे बनाती रही हैं। इसे बनाने को लेकर काफी शुद्धता और नियमों का पालन करती हूं। चूल्हे बनाने के दौरान लगभग एक महीने तक शुद्धता का ध्यान रखते हैं। चूल्हे बनकर तैयार होने तक मांस-मछली का सेवन नहीं करतीं। नहा-धोकर चूल्हे को तैयार करती हैं।