बिहार में झारखंड-बंगाल से आती है देसी शराब, जानिए काले धंधे में कितनी है पाउच की हिस्‍सेदारी

बिहार में झारखंड-बंगाल से आती है देसी शराब, जानिए काले धंधे में कितनी है पाउच की हिस्‍सेदारी

जहरीली शराब से होने वाली मौत के बढ़ते आंकड़ों ने पुलिस-प्रशासन को और अलर्ट कर दिया है। प्राथमिक जांच में इसकी प्रबल आशंका है कि देसी शराब जिसे पाउच भी कहा जाता है, उसे पीने से लोगों की मौत हुई है। गोपालगंज के महमदपुर गांव से जांच व छापेमारी के दौरान शराब की पाउच भी मिली है, जिसकी जांच की जा रही है। देसी शराब मुख्य तौर पर स्प्रिट से बनाई जाती है, जिसके जहरीली होने की आशंका सबसे अधिक होती है। यह स्प्रिट झारखंड, बंगाल व उत्तर प्रदेश के रास्ते बिहार में अवैध तरीके से आती है। सीमावर्ती जिलों में कई स्प्रिट गैंग हैं, जो छोटी-छोटी गाड़‍ियों व गैलन में भरकर इसे ग्रामीण इलाकों की अवैध शराब भट्ठियों तक पहुंचाते हैं।अगर आंकड़े देखें तो राज्य में अवैध शराब की तस्करी में एक तिहाई से अधिक हिस्सेदारी देसी शराब की है। इस साल 31 अक्टूबर तक मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग ने कुल 12 लाख 86 हजार 287 लीटर शराब जब्त की है। इसमें चार लाख 74 हजार 819 लीटर देसी शराब है, जबकि आठ लाख 11 हजार 468 लीटर विदेशी शराब जब्त की गई। इसी तरह पूरे अक्टूबर में कुल एक लाख 80 हजार 552 लीटर शराब जब्त की गई जिसमें 61 हजार 341 लीटर अवैध देसी शराब थी।