झूठी पहचान से कर रहे दोस्ती, डेटिंग ऐप्स की मदद से खाली कर देते हैं अकाउंट
वैलेंटाइन्स वीक यानी कि प्यार के दिन शुरू हो चुके हैं और 14 फरवरी से पहले साइबर अपराध भी तेजी से बढ़ने वाले हैं। इंटरनेट यूजर्स को निशाना बनाने के लिए वैलेंटाइन्स डे साइबर क्रिमिनल और स्कैमर्स के लिए अच्छा मौका है और वे डेटिंग ऐप्स की मदद ले रहे हैं। ज्यादातर लोग प्यार पाने के लिए ऑनलाइन डेटिंग साइट्स जैसे टिंडर, बंबल, OKक्यूपिड और दूसरी डेटिंग ऐप्स का इस्तेमाल कर रहे हैं। इसके जरिए प्यार का सफर एक स्कैम के रूप में खत्म होता है।
स्कैमर्स डेटिंग ऐप्स पर झूठे नाम और फोटो के साथ यूजर्स को फंसाने की कोशिश करते हैं। ऐप पर दोस्ती करने के बाद ये स्कैमर्स लंबी बातें करते हैं और किसी परेशानी में फंसने का जिक्र करते हैं। ज्यादातर मामलों में ये स्कैमर्स कुछ रकम उधार मांगकर बाद में वापस करने का वादा करते हैं। एक बार पैसे ट्रांसफर होते ही स्कैमर और उसका अकाउंट दोनों गायब हो जाते हैं।
साइबर सुरक्षा फर्म बुल गार्ड ने इन रोमांस स्कैमर्स को 'डेड-आइड शार्क्स' कहा है। फर्म ने कहा है कि ये स्कैमर्स इंटरनेट यूजर्स के इमोशंस और अच्छाई का फायदा उठाते हैं। ऐसे में जरूरी है कि ऑनलाइन दोस्ती के बाद किसी की मदद करने से बचा जाए या फिर ऐसा करने से पहले उसकी सच्चाई अच्छे से परख ली जाए। प्यार में पड़ना बेशक अच्छा लगे लेकिन ऐसे ऑनलाइन फ्रॉड में फंसने के बाद पछताना पड़ सकता है, इसलिए सतर्क रहें।
ऑनलाइन रोमांस स्कैमर्स की कोशिश विक्टिम का भरोसा जीतने की होती है, जिसके लिए वे कई तरीके अपनाते हैं। वे फूल, गिफ्ट्स और चॉकलेट्स भेजकर भी ऐसा कर सकते हैं और कई बार तो मुलाकात का दिन भी तय कर लेते हैं। जहां स्कैमर्स विक्टिम की ज्यादा से ज्यादा पर्सनल जानकारी मांगते हैं, वहीं अपने बारे में बहुत कम बताते हैं। आपका ऑनलाइन डेटिंग पार्टनर ऐसा कर रहा हो तो सतर्क हो जाएं और सोच-समझकर कोई कदम उठाएं।
पर्सनल जानकारी देना या पैसे ट्रांसफर करना भारी पड़ सकता है। डेटिंग ऐप पर मिलने के बाद स्कैमर्स दूसरे प्लेटफॉर्म पर चैटिंग की बात करते हैं और ईमेल या फोन नंबर मांगते हैं। बिना किसी पर भरोसा हुए उसके साथ अपना फोन नंबर, ईमेल एड्रेस और दूसरे सोशल मीडिया हैंडल्स ना शेयर करें। अपनी पर्सनल और सेंसिटिव डीटेल्स किसी के साथ शेयर ना करें। चाहे आपको जैसी भी कहानी सुनाई जाए, ऑनलाइन पैसे ट्रांसफर करने की स्थिति में उनके वापस मिलने की गारंटी ना के बराबर होती है।
डेटिंग ऐप में किसी के साथ मैच होने पर उससे बातें करें और पूरा वक्त लें। एकदूसरे को समझें और सहज होने पर ही अपने बारे में ज्यादा जानकारी दें। इस जानकारी में आपका सेंसिटिव डाटा (बैंकिंग डीटेल्स, पिन) नहीं होना चाहिए। सामने वाले की पहचान पक्की होने के बाद उसका नंबर ले सकते हैं या किसी पब्लिक प्लेस पर मुलाकात की जा सकती है। पहचान तय करने के लिए वॉइस या वीडियो कॉल्स की मदद ली जा सकती है।