बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव डेंगू के बढ़ते मामलों के बीच NMCH निरीक्षण किया , मरीजों ने भी की शिकायत ...

बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव डेंगू के बढ़ते मामलों के बीच NMCH निरीक्षण किया ,
मरीजों ने भी की शिकायत ...
बिहार की राजधानी पटना में स्वास्थ्य विभाग की हाईलेवल मीटिंग मेंं उन्होंने कई निर्देश दिए।उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग ने 60 दिनों की कार्य योजना बनायी गई है। इसके लिए सभी चीजों की समीक्षा लगातार चल रही है। स्वास्थ्य सेवा को बेहतर करने के लिए यह सब किया जा रहा है। कहा कि पीएमसीएच का वार्ड देखकर हम आए हैं। हमने कहा है कि ऐसी स्थिति नहीं रहनी चाहिए। स्थिति सुधरेगी।
2500 से अधिक डेंगू के मरीजों के सामने आने के बाद कल राज्य के उप मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव रात को अचानक नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंचे. जहां पर उन्होंने वार्डों का स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ औचक निरीक्षण किया. उन्होंने डेंगू वार्ड का दौरा कर भर्ती मरीजों से बातचीत कर स्वास्थ्य सेवाओं का फीडबैक लिया. इस दौरान मरीजों और उनके साथ आए लोगों ने स्वास्थ्य मंत्री से अस्पताल में बदइंतजामी की खुलकर शिकायत की.
निरीक्षण के दौरान डेंगू वार्ड में सामान्य मरीज भी भर्ती पाए गए. दूसरे वार्डों में मरीजों और उनके साथ आए लोगों ने खुलकर अपनी बात रखी और कमियों के बारे में बताया. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि साफ-सफाई के मोर्चे पर सुधार हुआ है, लेकिन दवाओं की उपलब्धता होने के बावजूद भी मरीजों को दवा नहीं मिलना, बाहर से दवा लाना एवं डॉक्टर-नर्स के गैर-गंभीर व्यवहार एवं चिकित्सा में लापरवाही की शिकायत मिली है, जिसमें सुधार की गुंजाइश है.
तेजस्वी यादव ने निर्देश दिया है कि जिला सदर और बड़े अस्पतालों में 24 घंटे उचित स्टाफ के साथ हेल्प डेस्क स्थापित करने का आदेश दिया है जिसमें मरीज भर्ती होने से लेकर, एंबुलेंस, शव वाहन, रेफल री सहज और सरल सुविधा प्रदान करने के साथ-साथ मृत्यु प्रमाण पत्र निर्गत करने की प्रक्रिया को भी सुगम बनाने का निर्देश दिया है
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि हमने स्वास्थ्य विभाग की समस्याओं को चुनौती के रूप में लिया है और निरंतर इसमें सुधार करने की ओर अग्रसर हैं. उन्होंने कहा कि इससे पूर्व पांच वर्ष तक लगातार स्वास्थ्य विभाग के मंत्री कभी अस्पतालों का दौरा नहीं करते थे. किसी भी स्वास्थ्य सुविधा और सेवा का जायजा नहीं लेते थे और धरातल पर जाकर रोगियों से नहीं मिलते थे.
उन्होंने कहा कि अगर मुझे जमीनी सच्चाई और कमियों का ही नहीं पता होगा तो उन्हें दूर कैसे करूंगा? इसलिए मैंने स्वयं धरातल पर जाकर निरीक्षण किया और मरीजों से मिलकर खामियों को दूर करने की ईमानदार कोशिश कर रहा हूं और इसमें हमें अवश्य ही सफलता मिलेगी. हमने कहा है कि ऐसी स्थिति नहीं रहनी चाहिए। स्थिति सुधरेगी।
उर्वशी गुप्ता