14 सितंबर को देश में हर साल हिंदी दिवस मनाया जाता है , जानें इसके पीछे की वजह। ...
14 सितंबर को देश में हर साल हिंदी दिवस मनाया जाता है , जानें इसके पीछे की वजह। ...
हर वर्ष 14 सितंबर को देश में हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है 14 सितंबर 1949 को राजभाषा का दर्जा दिया गया,हिंदी भारत की पहचान भी है, और सम्मान भी, हिंदी भारत और दुनिया के अन्य देशों में बसे भारतीयों को एक दूसरे से जोड़ने का काम करती है।
वैसे तो हर साल 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस के तौर पर मनाया जाता है लेकिन भारत में हिंदी दिवस के लिए एक खास दिन तय है। भारत में 22 भाषाएं और उनकी 72507 लिपि हैंनिया भर में लगभग 120 मिलियन लोग दूसरी भाषा के रूप में हिंदी बोलते हैं,हर वर्ष 14 सितंबर को देश में हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है
एक ही देश में इतनी सारी भाषाओं और विविधताओं के बीच हिंदी एक ऐसी भाषा है, जो हिंदुस्तान को जोड़ती है। देश के हर राज्य में बसे जनमानस को हिंदी के महत्व के बारे में समझाने और इसके प्रसार प्रचार के लिए भारत हिंदी दिवस मनाता है। इस दिन जो लोग हिंदी नहीं बोलते वह भी हिंदी को याद कर लेते हैं। लेकिन जिस देश की पहचान ही हिंदी है, वहां हिंदी दिवस मनाने की क्या वजह है? भारत कब मनाता है
भारत में हिंदी दिवस मनाने की शुरुआत देश की आजादी के बाद हुई। 1946 को 14 सितंबर के दिन संविधान सभा ने देवनागरी लिपि में लिखी हिंदी को भारत की आधिकारिक भाषा के तौर पर स्वीकार किया था। फिर भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की सरकार ने 14 सितंबर के दिन को हिंदी दिवस के तौर पर मनाने का फैसला किया। हालांकि आधिकारिक तौर पर पहला हिंदी दिवस 14 सितंबर 1953 को मनाया गया था।
भारत में अंग्रेजी के बढ़ते चलन और हिंदी की अनदेखी को रोकने के उद्देश्य से हिंदी दिवस को मनाने की शुरुआत हुई। महात्मा गांधी ने हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने को कहा था। हिंदी भारत की राष्ट्रभाषा नहीं है लेकिन इसे भारत की राजभाषा जरूर माना गया है। हिंदी को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सभी सरकारी कार्यालयों में अंग्रेजी के स्थान पर हिंदी का उपयोग होता है।