27 अक्टूबर को मनाना ही उत्तम और धनतेरस की तरह ही भाई दूज की तारीख को लेकर असमंजस की स्थिति देखने को मिल रही है....
27 अक्टूबर को मनाना ही उत्तम और धनतेरस की तरह ही
भाई दूज की तारीख को लेकर असमंजस की स्थिति देखने को मिल रही है....
भाई-बहन का रिश्ता दुनिया का सबसे खूबसूरत रिश्ता में से एक है इनका प्रेम काफी निराला होता है। जिसका कोई मोल नहीं। कई स्थानों पर आज ही भाई दूज या यम द्वितीया मनाया जा रहा है. कल उदयातिथि के आधार पर भाई दूज मनाना श्रेष्ठ है.,रक्षाबंधन की तरह ही भाई दूज का त्योहार भी भाई और बहन के प्रेम का प्रतीक है. इस दिन भाई अपनी बहन के घर जाते हैं. उनके घर भोजन करते हैं और बदले में उपहार देते हैं.
बहनें अपने भाई की लंबी आयु और सुखी जीवन की कामना करती हैं.धनतेरस की तरह ही भाई दूज की तारीख को लेकर भी असमंजस की स्थिति देखने को मिल रही है. कई स्थानों पर आज ही भाई दूज या यम द्वितीया मनाया जा रहा हैभाई दूज का त्योहार कल यानि 27 अक्टूबर दिन गुरुवार को मनाना ही उत्तम और शास्त्र सम्मत है. पंचांग के आधार पर कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को भाई दूज मनाते हैं. यम द्वितीया तिथि को अपनी बहन यमुना के घर जाते हैं. ऐसे में आज दोपहर बाद द्वितीया तिथि प्रारंभ हो रही है, इसलिए कल उदयातिथि के आधार पर भाई दूज मनाना श्रेष्ठ है.
पोराणिक कथा के अनुसार -धार्मिक मान्यता है कि यमराज ने भी इसी तिथि को अपनी बहन यमुना से नोत लिया था। भाइयों द्वारा बहनों को नोत लेने के बाद यथासंभव उपहार दिया जाता है और बहनों के हाथों से भोजन ग्रहण किया जाता है। आज सुबह सुबह 8 बजे से 9 के बीच शुभ चौघड़िया मुहूर्त में भाई को टीका करने का अच्छा समय होगा। दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे के बीच चर लाभ और अमृत के शुभ चौघड़िया मुहूर्त रहेंगे। 12 बजे से शाम 4 बजे के बीच भाई को टीका करने का शुभ मुहूर्त होगा।
भगवान सूर्य नारायण की पत्नी का नाम छाया था। उनकी कोख से यमराज तथा यमुना का जन्म हुआ था। यमुना यमराज से बड़ा स्नेह करती थी। वह उससे बराबर निवेदन करती कि इष्ट मित्रों सहित उसके घर आकर भोजन करो। अपने कार्य में व्यस्त यमराज बात को टालता रहा। कार्तिक शुक्ला का दिन आया। यमुना ने उस दिन फिर यमराज को भोजन के लिए निमंत्रण देकर, उसे अपने घर आने के लिए वचनबद्ध कर लिया।बहन जिस सद्भावना से मुझे बुला रही है, उसका पालन करना मेरा धर्म है। बहन के घर आते समय यमराज ने नरक निवास करने वाले जीवों को मुक्त कर दिया। यमराज को अपने घर आया देखकर यमुना की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। उसने स्नान कर पूजन करके व्यंजन परोसकर भोजन कराया। यमुना द्वारा किए गए आतिथ्य से यमराज ने प्रसन्न होकर बहन को वर मांगने का आदेश दिया।
भाई दूज पर तिलक मुहूर्त- 27 अक्टूबर को भाई दूज के अवसर पर भाई को तिलक करने का शुभ मुहूर्त सुबह 07 बजकर 18 मिनट से दोपहर 02 बजकर 12 मिनट तक है. इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग भी बना हुआ है, जो दोपहर 12 बजकर 11 मिनट से अगले दिन सुबह 06 बजकर 30 मिनट तक है. इस दिन अभिजित मुहूर्त 11 बजकर 42 मिनट से दोपहर 12 बजकर 27 मिनट तक है.
उर्वशी गुप्ता