6 जबरदस्त फायदे पाने के लिए डाइट में शामिल करें इमली, वजन भी होगा कम !
6 जबरदस्त फायदे पाने के लिए डाइट में शामिल करें इमली, वजन भी होगा कम !
स्वाद में खट्टी-मीठी इमली का इस्तेमाल कई व्यंजनों को बनाने में किया जाता है. खासकर गुड़ डली इमली वाली चटनी का तो जवाब ही नहीं. गोलगप्पे के पानी में भी इमली डाली जाती है. भोजन का स्वाद तो बढ़ाती ही है इमली, सेहत को भी कई तरह से लाभ पहुंचाती है. कच्ची या पकी इमली खाने से आप कई तरह की बीमारियों से भी बचे रह सकते हैं. इमली यानी टैमरिंड के सेवन से सेहत को क्या फायदे हो सकते हैं, इसमें कौन से पोषक तत्व मौजूद होते हैं,
इमली का इस्तेमाल वर्षों से आयुर्वेद में भी किया जा रहा है. यह पेट संबंधित कई समस्याएं दूर करती है. इमली में मौजूद पोषक तत्वों की बात करें तो इसमें प्रोटीन, फाइबर, कार्बोहाइड्रेट्स, फोलेट, विटामिन सी, विटामिन ए, ई, के, बी6, फॉस्फोरस, पोटैशियम, कैल्शियम, मैग्नीशियम, आयरन आदि मौजूद होते हैं. इमली के गूदे में फाइटोकेमिकल्स, एंटीऑक्सीडेंट्स एंटीबैक्टीरियल आदि तत्व भी पाए जाते हैं. साथ ही इसमें कोलेस्ट्रॉल बिल्कुल नहीं होता है.
एक खबर के अनुसार, इमली के गूदे में कई तरह के न्यूट्रिएंट्स होते हैं, जो इम्यूनिटी को बूस्ट करते हैं. इसे पत्ते, फलियां, छाल और लकड़ी को कई तरह से इस्तेमाल में लाया जाता है. इमली के सेवन से आप घातक बीमारी कैंसर से बचे रह सकते हैं. इमली में मौजूद फाइटोकेमिकल्स में एंटीऑक्सीडेंट प्रॉपर्टीज होती हैं. साथ ही बीटा-कैरोटीन भी होता है. शोध के अनुसार, एंटीऑक्सीडेंट्स के कई फायदे होते हैं. यह ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करता है. एंटीऑक्सिडेंट सेल डीएनए को नुकसान पहुंचाने वाले फ्री रैडिकल्स को कम कर सकते हैं. नतीजतन, यह कैंसर के खतरे को कम करने में मदद कर सकता है
लिवर को रखे हेल्दी
इमली में एक प्रकार का एंटीऑक्सीडेंट होता है, जो यह लीवर को रैडिकल चोट से बचाता है. इसमें अनसैचुरेटेड फैटी एसिड की उच्च सांद्रता भी होती है. साथ ही भरपूर मात्रा में फाइबर भी होता है, जो शरीर को डिटॉक्स करने में मदद करता है. शोध से पता चलता है कि इसके फलों के अर्क के सेवन से लिवर पर सुरक्षात्मक प्रभाव पड़ता है. यदि आपको फैटी लिवर की बीमारी है तो इसका सेवन करने से लाभ पहुंच सकता है.
डायबिटीज में भी खाएं इमली
इमली के सेवन से डायबिटीज में भी लाभ हो सकता है. डायबिटीज को कंट्रोल में रखने का यह एक नेचुरल इलाज है. यह ब्लड में ग्लूकोज के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करती है. शोध की मानें तो इमली के बीज के अर्क में एंटी-इंफ्लेमेटरी प्रभाव होता है, जो ब्लड शुगर रेगुलेशन को सुधारता है.