बरसात में गए हैं भीग तो न करें ये गलतियां, बीमारियों से ऐसे बचें
बरसात के इस मौसम में हेल्थ की कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए ताकि इस मौसम को भरपूर एन्जॉय कर सकें। इस मौसम में तुलसी, हल्दी, सौंफ, दालचीनी, तेजपत्ता, अदरक, काली मिर्च समेत कई तरह के घरेलू नुस्खे अपनाने से बहुत लाभ मिलता है, और रोग प्रतिरोधक शक्ति बनी रहती है। बारिश के मौसम में होने वाली बीमारियों के बारे में जानकारी हासिल करके इनसे सावधान रहना चाहिए। आइए जानते हैं कि बारिश में कौन-सी बीमारियां हो सकती हैं और इनसे कैसे बचें।
बारिश में बीमार होने के कारण
बरसात के मौसम में बीमार होने का मुख्य कारण गंदगी, मच्छर व कीड़े, अशुध्द पानी पीना, वातावरण में नमी, कपड़े गीले हो जाना आदि होते है। इन सब कारणों से इस मौसम में विशेषकर वायरल फीवर, डायरिया, मलेरिया, चिकनगुनिया, पीलिया, डेंगू और स्किन प्रॉब्लम आदि हो सकती है।
वायरल फीवर
बारिश में भीगने के बाद लोगों में सबसे जल्द वायरल फीवर होने की संभावना बन जाती है। बारिश के मौसम में सर्दी-जुकाम,खांसी, हल्का बुखार और हाथ पैरो में दर्द या सिर में दर्द आदि ये सब वायरल इंफेक्शन होने की लक्षण होते है। बारिश मे भीगने, ठंडी हवा से शरीर कपकपाना, तापमान परिवर्तन नींद पूरी न होने आदि के कारण प्रतिरक्षा तंत्र कुछ कमजोर हो जाता है। इससे हवा में फैले वायरस या दूषित और अशुध्द खाने पीने के सामान आदि के कारण वायरल फीवर हो जाता है। वायरल फीवर के लक्षण महसूस होने लग जाते है।
तुलसी के 3-4 पत्ते, 3-4 काली मिर्च और अदरक का छोटा टुकड़ा पीसकर डेढ़ कप पानी में उबालें। फिर इसे छान कर चाय की तरह पीएं।
बारिश में जोड़ों का दर्द बढ़ जाता है इसके लिए एक चम्मच शहद में आधा चम्मच पिसी हुई सोंठ मिलाकर दिन में एक बार लें। इसके लगातार उपयोग से भूख सामान्य रहेगी और जोड़ों का दर्द नहीं सतायेगा।
भीगने से बचें, कपड़े गीले हो तो तुरंत बदल लें। पौष्टिक भोजन ले। विटामिन C युक्त फल आदि लेने से प्रति रक्षा तंत्र मजबूत रहता है।
आपके आस पास के किसी व्यक्ति को सर्दी जुकाम हो तो सावधान रहें। उससे आपको वायरस लग सकता है। ऐसे व्यक्ति से हाथ मिलाया हो तो हाथ साबुन से धो लें। और सड़क पर मिलने वाले खाने पीने के सामान से सावधान रहें।