आज 1 अप्रैल से चैती छठ महापर्व की हुई शुरुआत, 4 तारीख को होगा समापन!

आज 1 अप्रैल से चैती छठ महापर्व की हुई शुरुआत, 4 तारीख को होगा समापन!

आज 1 अप्रैल से चैती छठ महापर्व की हुई शुरुआत, 4 तारीख को होगा समापन!

चैती छठ, सूर्य देव और षष्ठी माता को समर्पित चार दिवसीय पर्व है, जो इस वर्ष 1 अप्रैल से 4 अप्रैल तक मनाया जाएगा। इस पर्व की शुरुआत नहाय-खाय की परंपरा से होती है, जिसमें व्रती शुद्ध भोजन ग्रहण करके व्रत का प्रारंभ करते हैं। यह पर्व विशेष रूप से बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश में बड़े उल्लास के साथ मनाया जाता है, लेकिन देश के अन्य हिस्सों में भी इसकी महत्ता है।पर्व की शुरुआत चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि (1 अप्रैल) से होती है। इस दिन व्रती गंगा या किसी पवित्र नदी में स्नान कर खुद को शुद्ध करते हैं। इसके बाद व्रती कद्दू-भात (लौकी और चावल) का सेवन करते हैं, जिसे पूरी पवित्रता और सात्विकता से तैयार किया जाता है। यह दिन व्रत की तैयारी का होता है, और इसी दिन से चार दिनों का अनुष्ठान प्रारंभ होता है।घाटों की सफाई और तैयारी: छठ पर्व को लेकर गंगा घाटों की सफाई अंतिम चरण में है, और प्रशासन शांतिपूर्ण ढंग से पर्व को संपन्न कराने के लिए पूरी तरह तैयार है। बाजारों में पूजन सामग्री की दुकानों पर भीड़ बढ़ गई है, और गांव-शहरों में छठ गीतों की गूंज सुनाई देने लगी है।

वही दूसरे दिन (2 अप्रैल) व्रती पूरे दिन उपवास रखते हैं और सूर्यास्त के बाद प्रसाद रूप में गुड़ की खीर, रोटी, और फलों का सेवन करते हैं। इस दिन को खरना कहा जाता है, और इसके बाद व्रती अगले 36 घंटे तक निर्जला उपवास रखते हैं। खरना के बाद का व्रत अत्यधिक कठोर होता है, जिसमें व्रती बिना अन्न-जल ग्रहण किए रहते हैं। इस व्रत को पूरे समर्पण और श्रद्धा के साथ निभाया जाता है।चैती छठ का सबसे प्रमुख दिन शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि (3 अप्रैल) को होता है, जब व्रती डूबते सूर्य को अर्घ्य अर्पित करते हैं। इस दिन को लेकर श्रद्धालुओं में खास उत्साह होता है। व्रती घाटों पर जाकर सूर्यास्त के समय सूप में प्रसाद (ठेकुआ, फलों और गन्ने) के साथ सूर्य देव को अर्घ्य देते हैं। वही पूजा में प्रसाद पूरी शुद्धता और सात्विकता से तैयार किया जाता है।

मुख्य प्रसाद में ठेकुआ, गन्ने का रस, खीर, और ताजे फल होते हैं। साथ ही पूजन सामग्री में बांस का सूप, नारियल, मूली, नींबू, अदरक, और हल्दी का उपयोग होता है।चैती छठ का पर्व लोक आस्था का महापर्व है, जो सूर्य देव और षष्ठी माता की उपासना के रूप में मनाया जाता है। यह चार दिवसीय अनुष्ठान न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि समाज में शुद्धता, सात्विकता और एकता का संदेश भी देता है। इस पर्व में व्रती कठोर उपवास रखते हैं और प्रकृति की पूजा करते हुए अपना जीवन शुद्ध और पवित्र बनाने का प्रयास करते हैं.