तहव्वुर राणा को भारत लाने का झूठा श्रेय ले रही है मोदी सरकार, चिदंबरम का बड़ा बयान
चिदंबरम ने गुरुवार को जारी बयान में कहा कि 26/11 मुंबई आतंकवादी हमलों के मुख्य आरोपियों में से एक राणा को आज भारत लाया गया, लेकिन पूरी कहानी यह है कि मोदी सरकार इस घटनाक्रम का श्रेय लेने के लिए होड़ में लगी है। जबकि सच्चाई उनके दावों से कोसों दूर है।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने कहा है कि मुंबई आतंकवादी हमले के मुख्य साजिशकर्ता तहव्वुर हुसैन राणा को भारत लाने का मोदी सरकार ले रही है, लेकिन सच यह है कि उसे भारत लाने में कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) सरकार की मेहनत आज रंग लाई है।
चिदंबरम ने गुरुवार को जारी बयान में कहा कि 26/11 मुंबई आतंकवादी हमलों के मुख्य आरोपियों में से एक राणा को आज भारत लाया गया, लेकिन पूरी कहानी यह है कि मोदी सरकार इस घटनाक्रम का श्रेय लेने के लिए होड़ में लगी है। जबकि सच्चाई उनके दावों से कोसों दूर है।
कांग्रेस नेता ने आगे कहा, एफबीआई ने 2009 में राणा को शिकागो से गिरफ्तार किया, जब वह कोपेनहेगन में एक नाकाम आतंकी हमले की साजिश में लश्कर-ए-तैयबा की मदद कर रहा था। हालांकि जून 2011 में अमेरिकी अदालत ने उन्हें 26/11 हमले में सीधे शामिल होने के आरोप से बरी कर दिया, लेकिन अन्य आतंकी साजिशों में दोषी पाकर उन्हें 14 साल की सजा सुनाई। यूपीए सरकार ने इस निर्णय पर सार्वजनिक रूप से निराशा जताई और कूट-नीतिक दबाव बनाए रखा।
अपने बयान में पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरम ने आगे कहा कि तथ्यों को स्पष्ट रूप से जान लीजिए। मोदी सरकार ने इस प्रक्रिया की न तो शुरुआत की, न ही कोई नई सफलता हासिल की। वह केवल उस संस्थागत ढांचे का लाभ उठा रही है, जिसे यूपीए सरकार ने वर्षों की मेहनत, समझदारी और राजनयिक दूरदर्शिता से खड़ा किया था। यह प्रत्यर्पण कोई प्रचार की जीत नहीं, बल्कि इस बात का प्रमाण है कि जब भारतीय राज्य ईमानदारी, गंभीरता और अंतरराष्ट्रीय सहयोग के साथ काम करता है, तब वह दुनिया के सबसे जटिल अपराधियों को भी कानून के कठघरे में खड़ा कर सकता है।