भारतीय इसी लायक थे... 26/11 हमले के बाद हेडली से बोला था राणा, अमेरिका ने किया खुलासा

हमले पूरे होने के बाद राणा ने कथित तौर पर हेडली से कहा कि भारतीय इसी लायक थे। हेडली के साथ बातचीत में राणा ने कथित तौर पर उन नौ लश्कर आतंकवादियों की सराहना की, जो हमले करते हुए मारे गए थे, और कहा कि उन्हें निशान-ए-हैदर दिया जाना चाहिए।

भारतीय इसी लायक थे... 26/11 हमले के बाद हेडली से बोला था राणा,  अमेरिका ने किया खुलासा
tahawwur rana

अमेरिका ने कहा है कि अमेरिका लंबे समय से 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों के लिए जिम्मेदार लोगों को न्याय के कटघरे में लाने के भारत के प्रयासों का समर्थन करता रहा है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि अमेरिका और भारत आतंकवाद के वैश्विक संकट से निपटने के लिए मिलकर काम करना जारी रखेंगे। अमेरिका ने 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों की योजना बनाने में उसकी भूमिका के लिए तहव्वुर हुसैन राणा को न्याय का सामना करने के लिए भारत प्रत्यर्पित किया। 

इस बीच अमेरिका के न्याय विभाग ने बयान में कहा, हमले पूरे होने के बाद राणा ने कथित तौर पर हेडली से कहा कि भारतीय इसी लायक थे। हेडली के साथ बातचीत में राणा ने कथित तौर पर उन नौ लश्कर आतंकवादियों की सराहना की, जो हमले करते हुए मारे गए थे, और कहा कि उन्हें निशान-ए-हैदर दिया जाना चाहिए। गौरतलब है कि यह  पाकिस्तान का युद्ध में वीरता के लिए दिया जाने वाला सर्वोच्च पुरस्कार है,  जो शहीद सैनिकों के लिए आरक्षित है।

बयान में कहा गया, राणा पर भारत में कई अपराधों के आरोप है, जिनमें षडयंत्र, हत्या, आतंकवादी कृत्य को अंजाम देना और जालसाजी के मामले शामिल हैं, जो लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी), एक नामित विदेशी आतंकवादी संगठन द्वारा किए गए 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों में उनकी कथित संलिप्तता से संबंधित है। 26 से 29 नवंबर 2008 के बीच लश्कर के 10 आतंकवादियों ने मुंबई में गोलीबारी और बम विस्फोटों की एक श्रृंखला को अंजाम दिया। वे समुद्र के रास्ते शहर में घुसे और फिर अलग-अलग जगहों पर जाकर टीमों में बंट गए। जब आतंक आखिरकार कम हुआ, तो 166 लोग मारे गए, जिनमें छह अमेरिकी भी शामिल थे। साथ ही लश्कर के एक आतंकवादी को छोड़कर बाकी सभी मारे गए। सैकड़ों लोग घायल हुए और मुंबई में 1.5 अरब डॉलर से ज़्यादा की संपत्ति का नुकसान हुआ। ये हमले भारत के इतिहास में सबसे भयानक और विनाशकारी हमलों में से एक थे।