वाराणसी में PM मोदी: CM योगी ने कहा, नई काशी को देखने के लिए हर श्रद्धालु है उतावला

महाकुंभ के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पहली बार अपने संसदीय क्षेत्र काशी आगमन पर श्री योगी ने कहा कि हर किसी ने पिछले 11 वर्ष में बदलती हुई काशी को देखा है। यह वही काशी है, जो संकरी गलियों के लिए जानी जाती थी, अपने जाम के लिए जानी जाती थी। काशी शिक्षा का प्राचीन केंद्र रही है, लेकिन अस्त-व्यस्त पड़े शिक्षा के केंद्रों के साथ ही स्वास्थ्य के लिए, पर्यटन के लिए, कनेक्टिविटी के लिए पिछले 11 वर्षों में यहां 50000 करोड रुपए से अधिक की परियोजनाएं आई हैं।

वाराणसी में PM मोदी: CM योगी ने कहा, नई काशी को देखने के लिए हर श्रद्धालु है उतावला
UP CM Yogi

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को कहा कि पिछले 11 वर्षों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व और मार्गदर्शन में काशी का जो विकास हुआ है उस नई काशी को, उसके नए कलेवर को देखने के लिए पूरे देश के श्रद्धालु उमड़ रहे हैं। महाकुंभ के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पहली बार अपने संसदीय क्षेत्र काशी आगमन पर श्री योगी ने कहा कि हर किसी ने पिछले 11 वर्ष में बदलती हुई काशी को देखा है। यह वही काशी है, जो संकरी गलियों के लिए जानी जाती थी, अपने जाम के लिए जानी जाती थी। काशी शिक्षा का प्राचीन केंद्र रही है, लेकिन अस्त-व्यस्त पड़े शिक्षा के केंद्रों के साथ ही स्वास्थ्य के लिए, पर्यटन के लिए, कनेक्टिविटी के लिए पिछले 11 वर्षों में यहां 50000 करोड रुपए से अधिक की परियोजनाएं आई हैं। आज भी प्रधानमंत्री के कर कमलों से काशी में लगभग 4000 करोड़ की परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण हो रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा, महाराष्ट्र और दिल्ली विधानसभा चुनावों में ऐतिहासिक विजय के साथ ही दिव्य और भव्य महाकुंभ के आयोजन के उपरांत प्रधानमंत्री की यह पहली काशी यात्रा है। दिव्य और भव्य महाकुंभ के इस आयोजन में काशी भी इसका साक्षी बना। देश और दुनिया से आने वाला हर श्रद्धालु पिछले 11 वर्ष में प्रधानमंत्री के नेतृत्व और मार्गदर्शन में इस नई काशी और बाबा विश्वनाथ की पावन धरा को नए कलेवर के रूप में देखने को उतावला दिखाई दे रहा था। 45 दिनों के इस आयोजन के अवसर पर काशी में भी एक महा समागम दिखाई दे रहा था और इस दौरान 3 करोड़ से अधिक श्रद्धालु यहां पर आकर बाबा विश्वनाथ के पावन धाम में दर्शन करके पुण्य के भागीदार बने। महाकुंभ की सफलता, उसकी भव्यता और उसकी दिव्यता प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन और नेतृत्व में एक नई ऊंचाई को छूती हुई दिखाई दी। यह सब संभव हुआ है स्वच्छता के प्रति प्रधानमंत्री ने जो गाइडलाइन दी और सुरक्षा के प्रति सतर्कता के बारे में जो निर्देश दिए उसका पालन करके। 

उन्होंने कहा कि नमामि गंगे परियोजना के बाद हर श्रद्धालु जिसने मां गंगा, मां यमुना और मां सरस्वती की त्रिवेणी में डुबकी लगाई उसने अपने आप को अभिभूत होता हुआ पाया। नमामि गंगे परियोजना की सफलता के कारण महाकुंभ भी आज सफल हुआ है। मुख्यमंत्री ने कहा कि काशी और उत्तर प्रदेश के उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री के प्रयास सार्थक साबित हुए हैं। काशी और उसके अगल-बगल के जनपदों को सर्वाधिक जीआई टैग अब तक प्राप्त हो चुके हैं और उत्तर प्रदेश, देश के अंदर जीआई टैग में नंबर एक स्थान हासिल कर रहा है। 

सीएम योगी ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री के कर कमलों से आज 21 नए जीआई टैग के सर्टिफिकेट भी प्रदान किए जा रहे हैं। स्थानीय हस्तशिल्पियों और कारीगरों के उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक नई पहचान दिलाने के लिए यह प्रयास किए गए हैं। यही नहीं, आयुष्मान भारत एक गरीब को स्वास्थ्य की सुविधा उपलब्ध कराने में मील का पत्थर साबित हुआ है। देश के अंदर 50 करोड़ से अधिक लोग तो उत्तर प्रदेश में 10 करोड़ से अधिक लोग इस योजना से सीधे-सीधे लाभान्वित हुए हैं। उत्तर प्रदेश में ही नहीं बल्कि देश के अंदर अब तो वय वंदना योजना कार्ड के माध्यम से 70 वर्ष से अधिक उम्र के प्रत्येक बुजुर्ग को पांच लाख रुपये की स्वास्थ्य सुविधा प्रदान की गई है और काशी में अब तक 50,000 से अधिक बुजुर्गों ने इसका कार्ड भी बनवाया है। 

उन्होंने कहा कि काशी के विकास से जुड़ी हुई महत्वपूर्ण परियोजना बनास डेयरी के माध्यम से यहां के अन्नदाता किसानों और पशुपालकों को जोड़ने का अभिनव कार्य हुआ है। उस कार्यक्रम के तहत उन पशुपालकों को बोनस भी आज प्रधानमंत्री जी के कर कमलों से प्रदान किया जा रहा है, जिन्होंने बनास डेयरी की काशी की इस इकाई से जुड़कर वैल्यू एडिशन के माध्यम से लाभांश अर्जित किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि काशी की इन सभी योजनाओं को, चाहे वह पर्यटन से जुड़ी हों, शिक्षा से जुड़ी हों, स्वास्थ्य से जुड़ी हों, कनेक्टिविटी से जुड़ी हो या फिर अन्नदाता किसान और हस्तशिल्पियों से जुड़ी हों, इन सभी के लिए आपकी अपनी काशी में काशीवासियों की ओर से और प्रदेशवासियों की ओर से हृदय से आभार प्रकट करता हूं।