रंजन सिन्हा को मिला ‘बेस्ट पीआरओ अवॉर्ड’

अवॉर्ड प्राप्त करने पर रंजन सिन्हा ने कहा, यह सम्मान सिर्फ मेरा नहीं, बल्कि उस पूरी इंडस्ट्री का है जो मेहनत, संघर्ष और समर्पण से आगे बढ़ रही है। यह मेरी टीम और मेरे परिवार की प्रेरणा का भी नतीजा है। 

रंजन सिन्हा को मिला ‘बेस्ट पीआरओ अवॉर्ड’
Ranjan Sinha

भोजपुरी सिनेमा में प्रचार-प्रसार के क्षेत्र में अपनी एक अलग पहचान बना चुके जनसंपर्क अधिकारी (पीआरओ) रंजन सिन्हा को एक बार फिर बड़ी उपलब्धि हासिल हुई है। उन्हें वर्ष 2024 में रिलीज़ हुई सर्वाधिक सफल फिल्मों के लिए ‘बेस्ट पीआरओ अवॉर्ड’ से सम्मानित किया गया है। यह सम्मान उन्हें लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित सरस सलिल भोजपुरी सिने अवॉर्ड्स 2025 समारोह के दौरान प्रदान किया गया।

अवॉर्ड प्राप्त करने पर रंजन सिन्हा ने कहा, यह सम्मान सिर्फ मेरा नहीं, बल्कि उस पूरी इंडस्ट्री का है जो मेहनत, संघर्ष और समर्पण से आगे बढ़ रही है। यह मेरी टीम और मेरे परिवार की प्रेरणा का भी नतीजा है। 

वैशाली जिले के मूल निवासी रंजन सिन्हा पिछले 21 वर्षों से भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री में पीआर की भूमिका निभा रहे हैं। इस दौरान उन्होंने इंडस्ट्री के तमाम बड़े सितारों — मनोज तिवारी, रवि किशन, पवन सिंह, खेसारी लाल यादव, दिनेश लाल यादव निरहुआ, चिंटू पांडेय, रितेश पांडेय, अरविंद अकेला कल्लू, अक्षरा सिंह और आम्रपाली दुबे समेत कई फिल्म स्तरों की फिल्मों के प्रचार में अहम भूमिका निभाई है। उनके म्यूजिक एल्बम्स के लिए भी काम किया है और हिंदी फिल्म के लिए भी हिंदी पट्टी में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। 

रंजन सिन्हा की सबसे बड़ी खासियत यह रही है कि वे हर फिल्म और कलाकार की ब्रांड वैल्यू को समझते हुए एक सटीक पीआर रणनीति तैयार करते हैं, जिससे फिल्में दर्शकों तक सही तरीके से पहुँचती हैं और व्यावसायिक रूप से सफल भी होती हैं। यही कारण है कि उन्हें यह अवॉर्ड लगातार चौथे वर्ष भी प्राप्त हुआ है।

भोजपुरी सिनेमा से इतर रंजन सिन्हा ने बिहार सरकार के कला, संस्कृति एवं युवा विभाग के कई प्रमुख आयोजनों जैसे प्रकाश पर्व, पटना फिल्म फेस्टिवल, गांधी पैनोरमा, बाबू वीर कुंवर सिंह विजयोत्सव और नेशनल बॉक्सकॉन कांफ्रेंस में भी अपनी पीआर सेवाएं दी हैं। इसके अलावा, वे देश के कई प्रमुख म्यूजिक चैनलों के लिए भी पीआर का काम कर चुके हैं। उनकी इस सफलता ने न केवल भोजपुरी इंडस्ट्री को गौरवांवित किया है, बल्कि बिहार की प्रतिभा को राष्ट्रीय मंच पर एक नई पहचान भी दिलाई है।