मुजफ्फरपुर में खुद पर हमला करने वाले 430 आरोपितों को पकड़ नहीं पा रही पुलिस
अपने पर हमला करने वाले 430 आरोपितों को भी पुलिस पकड़ नहीं पा रही है। ज्यादातर हमले शराब के धंधेबाजों की गिरफ्तार करने के दौरान घटी। पुलिस की पकड़ से छुड़ाने के लिए धंधेबाजों के समर्थकों ने यह हमले किए थे। हमलावरों की गिरफ्तारी नहीं होने से 141 मामले की जांच पूरी नहीं हो पा रही है। ऐसे मामले की मुख्यालय एडीजी विधि व्यवस्था ने रिपोर्ट तलब की है।
मुख्यालय को भेजी गई रिपोर्ट के अनुसार सदर व अहियापुर में सबसे अधिक नौ-नौ मामले हैं। सदर थाना के नौ मामले में 87 आरोपितों की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है। हथौड़ी थाना क्षेत्र में पुलिस पर हमले की दस घटनाएं हुईं। यह पूर्वी अनुमंडल क्षेत्र में सबसे अधिक है। शहरी क्षेत्र में पुलिस पर हमले के 21, पूर्वी अनुमंडल क्षेत्र में 40, सरैया पुलिस अनुमंडल क्षेत्र में 25 व पश्चिमी अनुमंडल क्षेत्र में 28 मामले में 430 आरोपितों की गिरफ्तारी लंबित है।सदर थाना क्षेत्र के पकड़ी गांव में पिछले साल 15 दिसंबर को शराब के धंधेबाज सुनील पासवान के घर पर पुलिस टीम ने छापेमारी की थी। चुलाई शराब बरामद होने के बाद सुनील व उसके भाई अनिल को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। दोनों को छुड़ाने के लिए उसके समर्थकों ने पुलिस टीम पर हमला कर दिया था। हमले में प्रशिक्षु दारोगा सहित तीन पुलिसकर्मी घायल हो गए। हमलावारों ने पुलिस गाड़ी भी क्षतिग्रस्त कर दिया। पुलिस ने 30-40 अज्ञात लोगों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई थी। इसमें से बस तीन आरोपितों को गिरफ्तार किया। इसी तरह सकरा थाना के बसंतपुर झिटकाहीं गांव में शराब की सूचना पर पहुंची पुलिस टीम ने धंधेबाज बलिराम राय के घर पर छापेमारी करने पहुंची तो उसे बंधक बना लिया गया। पुलिस टीम के साथ मारपीट की गई। सूचना पर पहुंची अतिरिक्त पुलिस बल ने सभी को बंधन मुक्त कराया। इस मामले में 25 नामजद व 50 अज्ञात के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई। इसमें से किसी की गिरफ्तारी अब तक नहीं हो सकी है।