दरभंगा की ये कहानी थोड़ी अजीब है, एयरपोर्ट की ओर से नदी को हर रोज अर्पित किया जाता है घी और अचार
दरभंगा एयरपोर्ट से यात्रा करने वालों के लिए निर्धारित वजन से ज्यादा का लगेज भी एक समस्या है। दरअसल, यहां पर भंडारण की व्यवस्था नहीं। ऐसे में यात्रियों के लगेज से निकाली जाने वाली चीजों को वापसी के दृष्टिकोण से एयरपोर्ट पर संग्रहित नहीं किया जा रहा। ऐसे में वे चीजें बर्बाद-बेकार हो जा रहीं। उन्हें फेंकना पड़ता है। बीते साल नवंबर से दरभंगा एयरपोर्ट से हवाई यात्रा शुरू होने के बाद से यात्रियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। फ्लाइट की संख्या छह से बढ़कर 18 हो गई है। इस अनुरूप यात्री सुविधाओं की कमी है, हालांकि धीरे-धीरे इसका विकास किया जा रहा है।यहां से दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु सहित देश के अन्य महानगरों के लिए यात्रा करने वाले अधिकतर यात्री कई सामान चेक इन बैगेज में रखने के बजाय केबिन लगेज में कैरी करते हैं। इनमें कई ऐसे तरल पदार्थ होते हैं, जिसे हवाई यात्रा के दौरान निर्धारित मात्रा में ही ले जाया जा सकता है। मसलन करीब सौ एमएल ही यात्री इसे हैंड बैग के साथ कैरी कर सकते हैं। कई सामान ऐसा होता है, जिसे नहीं ले जाया जा सकता है। सुरक्षा जांच के दौरान सुरक्षाकर्मी ऐसे सामान को निकाल देते हैं। इनमें देसी घी, तेल व अचार जैसी वस्तुएं होती हैं। ऐसे सामानों को रखने के लिए अभी कोई व्यवस्था नहीं की गई है। इसलिए इसे एयरपोर्ट परिसर स्थित एक कक्ष में रखा जाता है। बाद में इसे एयरपोर्ट की चहारदीवारी के बगल से गुजरने वाली कमला नदी में प्रवाहित कर दिया जाता है। पिछले करीब एक साल में औसतन प्रतिदिन दो से तीन सौ ग्राम घी व आधा किलोग्राम के करीब अचार सुरक्षाकर्मी जब्त करते हैं।