कोरोना मरीजों के लिये आयुर्वेदिक दवा "आयुष-64" का खोज कर इलाज और प्रचार-प्रसार।
कोरोना काल मे कोविड-19 की दूसरी लहर की गति धीरे धीरे थम रही हैं। इसी कड़ी में देशभर में कोरोना संक्रमितों के इलाज के लिए एलोपैथ विधि कारगर साबित हो रही हैं। इसी दरम्यान आयुष वैज्ञानिकों ने आयुर्वेद पद्धति से कोरोना मरीजों नए आयुर्वेदिक दवा "आयुष-64" का खोज कर इलाज कर रहे हैं।
इसी कड़ी में बुधवार को पटना सिटी के चोवा लाल लेन में आयुष-64 औषधि का वितरण किया गया। मौके पर अनुसंधान अधिकारी डॉ• दारा सिंह रोतवार में बताया कि मिनिस्ट्री ऑफ आयुष, गवर्मेंट ऑफ इंडिया की तरफ से सीसीआरएस की यूनिट क्षेत्रीय आयुर्वेद अनुसंधान संस्थान , अगमकुआं है, जो आरएमआरआई कैम्पस में हैं। हमलोग पूरे बिहार के लिए को-ऑर्डिनेट कर रहे है। उसमें हमारी यूनानी यूनिट और होमियोपैथिक यूनिट सपोर्ट कर रही है। इनके सहयोग से बिहार के 20 जिलों में प्रचार प्रसार कर शिविर लगा रही हैं। अनुसंधान अधिकारी ने कहा कि हम संस्थान की तरफ से नन कोविड व कोविड -19 के अल्प लक्षण वाले मरीजों के बीच कोविड से बचाव के लिए शिविर का आयोजन कर प्रचार प्रसार कर " आयुष - 64 " औषधि का वितरण किया गया। जिनमे कोविड-19 का लक्षण न दिखे वैसे लोग दो - दो गोली दिन भर में दो बार लेने की सलाह दिया और जिनमे लक्षण दिख रहे है, वे दो - दो गोली दिन भर में तीन बार उपयोग करने की सलाह दिया है। उन्होंने कहा कि बचाव के तौर पर ये औषधि का अच्छा रॉल है। अलल ओवर इंडिया में सीसीआरएस की 32 यूनिट द्वारा लगभग पाँच लाख मरीजों के लिए लगातार काम कर रही है। सेवा भारती सामाजिक संस्था द्वारा भी मदद ली जा रही है।
साथ ही बताया कि जिन मरीजों में " आयुष - 64 " के प्रयोग करने के बाद जिन व्यक्तियों में कोई साइड इफेक्ट्स दिखता है, वैसे मरीजो को सलाह लेने के लिए हमने मोबाइल नंबर भी जारी किया हूँ। ताकि वे ससमय हमसे संपर्क कर तुरंत मदद मिल सके। जिन मरीजों को " आयुष - 64 " औषध के प्रयोग के बाद उन्हें 07 दिन, 14 दिन व 21 दिन पर उनका फीडबैक लेते रहते है। गर्भवती व स्तनपान करा रही व 18 साल से नीचे 60 साल से ऊपर के उम्र के व्यक्तियों को ये दवा प्रयोग करने के लिए नही दी जाती है। सिर्फ 18 से 60 वर्ष के आयु वाले लोगो को ही मुहैया कराई जा रही है।