बोधगया के महाबोधि मंदिर परिसर में बम प्लांट कर धमाके की साजिश रचने के मामले में आठ लोग दोषी
बोधगया के महाबोधि मंदिर परिसर में वर्ष 2018 में बम प्लांट कर धमाके की साजिश रचने के मामले में एक बड़ा फैसला आया है। पटना के एनआईए कोर्ट ने शुक्रवार को इस मामले में आठ लोगों को दोषी करार दिया है और उन लोगों ने अपने ऊपर लगाए गए आरोपों को स्वीकार भी किया है। दोषियों ने महाबोधि मंदिर में बम प्लांट करने की बात स्वीकार करते हुए न्यायालय के सामने कहा है कि वह बहकावे में थे, जिससे इस तरह की गलती उनसे हो गई। 19 जनवरी 2018 को बोधगया स्थित महाबोधि मंदिर के कालचक्र मैदान में प्लांट किए गए और तीन आईडी बम बरामद किए गए थे। वहीं, एक बम कालचक्र के पास स्थित रसोई घर से बरामद किया गया था।
इस कांड में नौ आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में सुनवाई चल रही है। इन नौ आरोपितों में आठ अहमद अली, दिलावर हुसैन, मुस्तफिजुर रहमान, अब्दुल करीम, नूर आलम, आरिफ हुसैन, मोहम्मद आदिल शेख और पैगंबर शेख ने अपनी गलती स्वीकार कर ली है। जबकि, एक आरोपी जेहादउल इस्लाम ने अपने ऊपर लगाए गए आरोपों को स्वीकार नहीं किया है। अब इसके मामले की अलग से सुनवाई की जाएगी, इसके पहले इस कांड के सभी आरोपियों को सुनवाई के पहले बेउर जेल से कड़ी सुरक्षा में लाया गया था।
7 जुलाई 2013 को बम धमाके की पहली घटना के बाद आतंकियों ने बोधगया को दूसरी बार दहलाने की शादी 19 जनवरी 2018 को रची थी। लेकिन, यह साजिश नाकाम हो गई थी। आतंकियों ने महाबोधि मंदिर परिसर के आसपास विस्फोटक छिपा कर रखा था। गिरफ्तार आतंकी दिलावर हुसैन उर्फ उमरम की निशानदेही पर 15 सितंबर 2018 को कालचक्र मैदान के पास एक शौचालय से जिंदा बम बरामद किया गया था।
एनआइए की टीम बांग्लादेश के प्रतिबंधित आतंकी संगठन जमात उल मुजाहिदीन के गिरफ्तार आतंकी दिलावर हुसैन उर्फ मोहम्मद उमर को लेकर बोधगया पहुंची थी, उसकी निशानदेही पर कालचक्र मैदान और मुस्लिम कब्रिस्तान के बीच टॉयलेट से जिंदा बम बरामद किया गया था।