विकास की बाट जोहते बिहार के पर्यटन स्थल

विकास की बाट जोहते बिहार के पर्यटन स्थल

राज्य के कई जिलों के पर्यटक स्थल आज विकास की बाट जोहते नज़र आते हैं। देश के कई पिछड़े इलाके अपने पर्यटन स्थलों की समृद्धि का दास्तां लिख कर देश विदेश के पर्यटकों को आकर्षित कर अपने राज्यों के राजस्व की वृद्धि का मिशाल कायम कर रहे है । 2015 में मुख्य मंत्री नीतीश कुमार की रोहतास गढ़ किला पर रोपवे निर्माण की घोषणा से विश्व पर्यटन के मानचित्र में जिले को स्थान मिलने की उम्मीद जगी थी लेकिन कभी रोपवे के चयन तो कभी उसके नक्शे को लेकर वन विभाग के साथ लगभग 2 वर्षों तक मामला अधर में लटका रहा । यह क्षेत्र इस मायने में स्मृद्धशाली है। यहां फैले अनेकों शैलचित्र,शिलालेख, किला, रौजा, मंदिर, मकबरा, जलप्रपात,वन्य अभ्यारण्य सहित अन्य प्राकृतिक स्थलों और ऐतिहासिक धरोहरों की भरमार है। सुविधाओं के अभाव में भी कैमूर पहाड़ी पर गर्व से सीना ताने खड़ा रोहतास गढ़ किला आज भी पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता नजर आता है। जिला मुख्यालय स्थित शेरशाह का मकबरा, हसनशाहसूर का मकबरा,सलीम शाह का मकबरा, चेनारी के पास भूमिगत शेरगढ़ किला, ताराचंडी मंदिर जो अपने विकास के इंतजार में दम तोड़ रहे हैं। जिले के पहाड़ी क्षेत्र सासाराम, नौहट्टा , रोहतास और चेनारी प्रखंड की गुफाओं में मध्य पाषाण कालिन शैलचित्र भरे पड़े हैं।