दो आईएएस के बीच जंग, पटना के डीएम ने मुख्य सचिव से की हस्तक्षेप की मांग

पटना डीएम डॉ चंद्रशेखर सिंह ने ने शिक्षा निदेशक को लिखे पत्र में कहा कि एक बार सीआरपीसी की धारा 144 लागू होने के बाद किसी से अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं है.

दो आईएएस के बीच जंग, पटना के डीएम ने मुख्य सचिव से की हस्तक्षेप की मांग

PATNA:पटना के जिला मजिस्ट्रेट चन्द्रशेखर सिंह और राज्य शिक्षा विभाग के बीच खटपट हुई मंगलवार को उस वक्त तेज हो गई, जब ठंड के कारण आठवीं कक्षा तक के स्कूली छात्रों के लिए स्कूल बंद करने की अवधि 25 जनवरी तक बढ़ा दी गई और बाद में तीन पेज का नया पत्र जारी कर खामियों की सूची दी गई. "डीएम के आदेश में" जो उच्च न्यायालय में कानूनी जांच में खड़ा नहीं हो सकता है.ताजा आदेश में,पटना के  जिला मजिस्ट्रेट डॉ चंद्रशेखर सिंह नें सीआरपीसी की धारा 144 के तहत आठवीं कक्षा तक के छात्रों के लिए कक्षाओं के छुट्टीयों को बढ़ा दिया, और कहा कि "आदेश का कोई भी उल्लंघन आईपीसी की धारा 188 के तहत दंड को आकर्षित करेगा". पटना डीएम डॉ चंद्रशेखर सिंह ने ने शिक्षा निदेशक को लिखे पत्र में कहा कि एक बार सीआरपीसी की धारा 144 लागू होने के बाद किसी से अनुमति लेने की ज़रूरत नहीं है और कोई भी गैर-न्यायिक आदेश इसे कैंसिल नहीं कर सकता है. डीएम ने पत्र लिख कर कहा,इसकी केवल सक्षम अदालत द्वारा न्यायिक समीक्षा की जा सकती है. आदेश के किसी भी उल्लंघन पर छह महीने की कैद और जुर्माना या दोनों हो सकते हैं.डीएम डॉ चंद्रशेखर सिंह ने सीआरपीसी की धारा 144 भारत में किसी भी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश के मजिस्ट्रेट को ऐसी परिस्थितियों में एक निर्दिष्ट क्षेत्र में लोगों के एकजुट  होने पर रोक लगाने का आदेश पारित करने का अधिकार देती है, जिससे मानव जीवन को नुकसान होने की संभावना हो.

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शीतलहर के साथ कनकनी की स्थिति में, विशेष रूप से सुबह के समय, बच्चों का स्वास्थ्य और जीवन खतरे में है. इसलिए, 25 जनवरी तक स्कूलों को बंद करने का आदेश जारी किया गया है. हम पटना में शीत लहर की स्थिति पर नजर रख रहे हैं और यदि आवश्यक हुआ, तो हम आठवीं कक्षा तक के छात्रों के लिए शैक्षणिक गतिविधियों के निलंबन को आगे बढ़ा देंगे.
मंगलवार को निदेशक (माध्यमिक शिक्षा) कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव ने तीन पेज का पत्र जारी कर पटना डीएम द्वारा उठाए गए सभी बिंदुओं को दरकिनार करते हुए कहा कि सीआरपीसी की धारा 144 के तहत स्कूलों को बंद करने की प्रथा को समाप्त किया जाना चाहिए. पत्र में कहा गया है, सभी शिक्षकों और छात्रों को स्कूलों में जाना चाहिए."शिक्षा विभाग ने जिलाधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए भी कहा है कि लगभग 6 लाख शिक्षक स्कूलों में अपनी ड्यूटी पर शामिल हों.
अब अपर मुख्य सचिव केके पाठक की इसपर आपत्ति से असमंजस की स्थिति बनी हुई है.शिक्षक किसके आदेस का पालन करें. एक तरफ बच्चों का स्वास्थ्य है तो दूसरी तरफ दो बड़े अधिकारियों का आदेश. इसको देखते हुए पटना के जिलाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने मुख्य सचिव आमीर सुबहानी  से हस्तक्षेप का आग्रह किया है.  डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने अपने स्तर से मामले में उचित पहल का अनुरोध मुख्य सचिव से किया है.

Dr. Chandrashekhar Singh IAS (@Chshekhar2010) / X

24 जनवरी को मुख्य सचिव आमिर सुबहानी को भेजे पत्र में पटना  के डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह  ने कहा है कि पटना जिला में कोल्ड-डे की स्थिति और तापमान के गिरते पारा की वजह से बच्चों के जीवन पर खतरा की आशंका है.इसको द्यान में रखते हुए  दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के तहत सभी प्री स्कूल, आंगनबाड़ी केंद्रों और कोचिंग संस्थानों समेत सरकारी स्कूलों और निजी विद्यालय में आठवीं तक की शैक्षणिक गतिविधियों पर प्रतिबंध 25 जनवरी तक विस्तारित किया गया.

इधर माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने डीईओ को पत्र भेजकर सभी स्कूलों को खुला रखने का निर्देश दे दिया. जिला दंडाधिकारी को प्रदत्त शक्तियों के संबंध में पत्र भेजकर माध्यमिक शिक्षा निदेशक को विस्तृत रूप से अवगत कराया गया. इसके बाद 23 जनवरी को कई आपत्तियों का उल्लेख करते हुए प्रतिवेदन की मांग की गई है. शिक्षा विभाग और जिला प्रशासन के बीच इस तरह से अंतहीन पत्राचार से भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो रही है जो प्रशासनिक दृष्टिकोण से उचित नहीं है. जिलाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह  ने कहा है कि प्रशासनिक व्यवस्था में सभी स्तरों पर अधिकार और सीमाएं स्पष्ट हैं, जिसका सम्मान होना चाहिए. डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने मुख्य सचिव से आग्रह है कि अपने स्तर से संपूर्ण मामले की समीक्षा कर यथोचित समाधान किया जाए.