क्या मौसम चक्र में हो रहा है बदलाव? जानिए क्यों फरवरी माह में भी सता रही है सर्दी...
बिहार समेत देश के कई हिस्सों में फरवरी महीने में भी कड़ाके की ठंड जारी है। बिहार में इस बार ठंड के दिनों में बढोत्तरी का कारण ला-नीना को बताया जा है। मौसम चक्र में बदलाव भी एक बड़ी वजह हो सकता है
प्रदेश में लोग फरवरी महीने में भी सर्दी से परेशान हैं। ये हाल सिर्फ बिहार का ही नहीं है बल्कि उत्तर भारत के कई राज्य भी कड़कड़ाती हुई ठंड की चपेट में हैं।हालांकि बिहार वासियों को सर्दी का सितम अधिक महसूस हो रहा है क्योंकि आमतौर पर खरमास खत्म होने के बाद यहां ठंड भी ढलान पर चली जाती थी। मकर संक्रांति के साथ ठंड में धीरे-धीरे कमी आने लगती और फरवरी आते आते मौसम हल्की ठंड वाला रह जाता, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ।
राज्य में इस साल सर्दी ने 1 महीने से अधिक समय तक लोगों को परेशान किया है। पहले पश्चिम बंगाल से आई हवा के कारण पूर्वी बिहार में समय से पहले ठंड आ गई, उसके बाद उत्तर में हिमालय से आने वाली ठंडी हवाओं ने ठिठुरन बढ़ा दी। नतीजा ये हुआ कि इस साल बसंत पंचमी के खत्म होने के बाद भी ठंड बरकरार है। मौसम वैज्ञानिकों की मानें तो ला-नीना के प्रभाव के कारण इस साल ठंड के दिन ज्यादा हो गए हैं। हालांकि इस बार ठंड शुरू होने में भी देर हुई ऐसा अनुमान था कि ला नीना के प्रभाव के कारण ठंड जल्दी शुरू हो जाएगी लेकिन ऐसा हुआ नहीं।
अनुमान था कि ठंड 15 दिसंबर से शुरू होगी लेकिन ये जनवरी के पहले सप्ताह से बढी़ और अभी तक ठंड का कहर जारी है। ऐसा नहीं है कि मौसम में यह बदलाव पहली बार हुआ है पिछले कई सालों से धीरे-धीरे ठंड के समय में परिवर्तन देखा जा रहा है। पहले अधिकांश समय दिसंबर की शुरुआत से ही ठंड शुरू हो जाती थी और 15 जनवरी तक आते आते आते धीरे-धीरे कम होने लगती थी लेकिन पिछले कुछ सालों का रिकॉर्ड देखें तो सर्दी देर से शुरू हो रही है और देर तक यानी जनवरी लास्ट और कभी-कभी फरवरी तक भी बनी रह रही है।
ऐसे में यह अनुमान लगाया जा रहा है कि क्या मौसम चक्र में बदलाव हो रहा है? हालांकि ये कहना अभी जल्दबाजी होगी लेकिन इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि मौसम पहले की तरह स्थिर और नियत समय पर नहीं बल्कि उतार-चढ़ाव के साथ बदलाव की ओर अग्रसर है।