प्रशांत किशोर ने विपक्षी दलों की बैठक को लेकर कह दी बड़ी बात
प्रशांत किशोर ने विपक्षी दलों की बैठक को लेकर कह दी बड़ी बात
जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने बड़ा बयान दिया। प्रशांत किशोर ने कहा कि विपक्षी एकता सिर्फ दलों के नेताओं के एकसाथ बैठ जाने से उसका बहुत बड़ा प्रभाव जन मानस पर नहीं पड़ेगा। प्रभाव तब पड़ेगा, जब विपक्षी एकता नेताओं और दलों के साथ मन का भी मेल हो। नैरेटिव भी हो, जनता का कोई मुद्दा हो, ग्राउंड पर काम करने वाले वर्कर भी हों, और उस समर्थन को जनता की भावना में, वोट में बदला भी जाए।
कई लोगों को ऐसा लगता है कि 1977 में सारे विपक्षी दल एक साथ आकर उन्होंने इंदिरा गांधी को हरा दिया था, ये उन लोगों की सबसे बड़ी बेवकूफी है। 1977 में विपक्षी दलों के एक साथ आने से इंदिरा गांधी नहीं हारी, उस समय इमरजेंसी एक बड़ा मुद्दा था, जेपी का आंदोलन भी था। अगर, इमरजेंसी लागू नहीं की जाती, जेपी मूवमेंट नहीं होता तो सारे दलों के एक साथ आने से भी इंदिरा गांधी नहीं हारती।