सावन माह की पंचमी तिथि को नाग पंचमी के दिन भक्तों ने दूध और लावा अर्पित किये 

सावन माह की पंचमी तिथि को नाग पंचमी के दिन भक्तों ने दूध और लावा अर्पित किये 

सावन माह की पंचमी तिथि को नाग पंचमी के दिन भक्तों ने दूध और लावा अर्पित किये 


हिन्दू पंचांग के अनुसार सावन माह की कृष्ण पक्ष के पंचमी को नाग पंचमी के रूप में मनाया जाता है। इस दिन नाग देवता या सर्प की पूजा की जाती है, और उन्हें दूध से स्नान कराया जाता है। नाग पंचमी को लेकर शहर के विषहरी स्थानों में पूजा के लिए भक्तो की भीड़ लगी। शहर के वासुदेवपुर, लाल दरवाजा  मंसरी तल्ले, रायसर सहित विभिन्न मोहल्ले में विष हरी स्थानों में भक्तों ने नाग देवता को दूध और लावा अर्पित किया। लोगों ने घरों में नाग पंचमी को लेकर पूजा की वहीं श्रद्धालुओं ने बताया की नागों की रक्षा के लिए यज्ञ को ऋषि आस्तिक मुनि ने श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी के दिन रोक दिया और नागों की रक्षा की। इस कारण तक्षक नाग के बचने से नागों का वंश बच गया। आग के ताप से नाग को बचाने के लिए ऋषि ने उनपर कच्चा दूध डाल दिया था। तभी से नागपंचमी मनाई जाने लगी।