विपक्षी दलों की चुनावी रणनीति को लेकर प्रशांत किशोर ने साधा निशाना
विपक्षी दलों की चुनावी रणनीति को लेकर प्रशांत किशोर ने साधा निशाना
जनसुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने विपक्षी एकता को लेकर बड़ा बयान देते हुए उन्होंने कहा की किसी भी सत्ता का तख्तापलट करने के लिए चेहरा होना काफी नहीं है, सबसे बड़ी बात ये है कि मुद्दा होना चाहिए। जब तक आपके पास सशक्त मुद्दा न हो, तब तक दलों के एक साथ आने से कुछ नहीं हो सकता है। प्रशांत किशोर ने समस्तीपुर में पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि राजनीति पर टिप्पणी करने वाले लोग 1977 का हवाला देते हैं, कि कैसे सारे दलों ने एक साथ उस समय की पीएम इंदिरा गांधी को हरा दिया ? लेकिन ये आधा सत्य है। सिर्फ साथ में बैठने से कुछ नहीं होगा,
प्रशांत किशोर ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि 15 दलों के नेता एक साथ बैठ गए, और उनका असर देशव्यायापी हो जाएगा। उस बैठक में ममता बनर्जी लालू यादव व अन्य एक साथ बैठे थे, उसका असर देश में कैसे होगा ? बंगाल का वोटर तो देश के मुद्दे पर और बंगाल में जो सरकार काम कर रही है, उसको ध्यान में रखते हुए वोट करेगा। विपक्षी एकता के लोग मिलकर देशव्यायापी कोई मुद्दा बना लें, नेरेटिव सेट कर लें, और उस मुद्दे को लेकर तृणमूल की सरकार जमीन पर ताकत लगाए, तो फायदा हो सकता है.