अमेरिका ने चीन पर टैरिफ बढ़ाकर 125% किया, 75 देशों में बढ़े टैरिफ पर 90 दिन की रोक; ट्रंप के दो बड़े ऐलान
डोनाल्ड ट्रम्प कहा है कि चीन ने विश्व के बाजारों के प्रति सम्मान का अभाव दिखाया है। इसके आधार पर उन्होंने उसके खिलाफ टैरिफ बढ़ाने का यह निर्णय लिया है। इससे पहले अमेरिका ने कल चीन के खिलाफ 50 प्रतिशत का अतिरिक्त शुल्क लगाने की घोषणा की थी जिससे हाल के दिनों में चीन से आयातित वस्तुओं पर घोषित आयात शुल्क बढ़कर 104 प्रतिशत तक पहुंच गया था।

US-China Tariff War: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने चीन पर अतिरिक्त आयात शुल्क को बढ़ाकर 125 प्रतिशत कर दिया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर यह घोषणा करते हुए कहा है कि यह शुल्क तत्काल प्रभाव से लागू माने जायेंगे। उन्होंने ऐसे देशों के खिलाफ जवाबी शुल्क को 90 दिन के लिए दस प्रतिशत तक सीमित रखने का फैसला किया है जो अमेरिका के साथ व्यापार संबंधी मसलों को बातचीत के जरिए समाधान निकालने को इच्छुक है।
उन्होंने कहा है कि चीन ने विश्व के बाजारों के प्रति सम्मान का अभाव दिखाया है। इसके आधार पर उन्होंने उसके खिलाफ टैरिफ बढ़ाने का यह निर्णय लिया है। इससे पहले अमेरिका ने कल चीन के खिलाफ 50 प्रतिशत का अतिरिक्त शुल्क लगाने की घोषणा की थी जिससे हाल के दिनों में चीन से आयातित वस्तुओं पर घोषित आयात शुल्क बढ़कर 104 प्रतिशत तक पहुंच गया था। इसके जवाब में चीन ने भी कुल मिलाकर जवाबी आयात शुल्क को आज और बढ़ाकर 84 प्रतिशत करने की घोषणा की थी। चीन ने कहा है कि वह अमेरिका के दबाव में नहीं आएगा और अंत तक लड़ेगा।
ट्रम्प ने इसी पोस्ट में कहा कि कभी न कभी आशा है कि निकट भविष्य में ही चीन और अन्य देशों को यह समझ में आएगा कि अमेरिका को नोचने के दिन अब और नहीं चलेंगे और इसे अधिक स्वीकार नहीं किया जाएगा। ट्रम्प ने कहा है कि अमेरिका के हाल के फैसलों के बाद और तथ्यों के आधार पर 75 से अधिक देशों ने अमेरिका के प्रतिनिधियों से बात की है और वे अमेरिका के साथ व्यापार से जुड़े विषयों , व्यापार बाधाओं , प्रशुल्कों , मुद्रा की विनिमय दर में हेराफेरी और अमेरिका के खिलाफ ऐसे अन्य तरीकों पर बातचीत करना चाहते है।
ट्रम्प ने कहा है कि इन देशों ने अमेरिका के वाणिज्य विभाग , वित्त विभाग और अमरीकी व्यापार प्रतिनिधि से इन विषयों पर बातचीत करके कोई समाधान निकालना चाहते है। राष्ट्रपति ने अपने अधिकारियों को इस संबंध में 90 दिन की मोहलत देने का अधिकार दिया है और इस अवधि में जवाबी प्रशुल्क को काफी कम रख कर 10 प्रतिशत रखने का अधिकार दिया है। यह निर्णय भी तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है।