बिहार में स्कूल खोलने को लेकर बड़ी खबर, शिक्षकों को आदेश जारी, यहां पढ़िए पूरी डिटेल।
PATNA : बिहार में कोरोना काल के कारण बच्चों की पढ़ाई पूरी तरह ठप पड़ गई है. ऑनलाइन क्लास में विद्यार्थियों को काफी परेशानी हो रही है. इसलिए नीतीश सरकार स्कूल और कॉलेजों को खोलने को लेकर पूरा प्लान तैयार कर ली है. बिहार सरकार ने राज्य के सभी सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को उपस्थित रहने को कहा है. इन्हें विभाग की ओर से आदेश जारी कर दिया गया है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बिहार में अगले महीने 6 जुलाई के बाद शैक्षणिक गतिविधियां शुरू हो सकती हैं. बिहार के शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने एक बड़ा बयान दिया है. शिक्षा मंत्री ने कहा है कि चरणबद्ध तरीके से विश्वविद्यालय, महाविद्यालय और विद्यालओं को खोला जायेगा. बताया जा रहा है कि पहले फेज में विश्वविद्यालयों और कॉलेजों को कोरोना प्रोटोकॉल के साथ 6 जुलाई के बाद खोला जाएगा. दूसरे चरण में हाई स्कूलों को खोला जा सकता है, जिसमें कॉल्स 9th से लेकर 12th के बच्चे शामिल होंगे. साथ ही कोचिंग संस्थान भी खोले जा सकते हैं. तीसरे चरण में प्राइमरी और मिडिल स्कूल को खोलने की बात सामने आ रही है. स्कूल खुलने के बाद कोरोना गाइडलाइन और एसओपी का पूरा ख्याल रखा जायेगा. स्कूल, कॉलेज और कोचिंग संस्थानों में फेस मास्क पहनना, हैंड सैनिटाइज़र का उपयोग और सामाजिक दूरी का रखरखाव अनिवार्य होगा.
बिहार के शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने बताया कि सीखने की कमी चिंता का विषय है और सरकार छात्रों के व्यापक हितों को ध्यान में रखते हुए शैक्षणिक संस्थानों को फिर से खोलने की योजना बना रही है. छात्रों के लिए सीखने का तरीका ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों होना चाहिए. माता-पिता की सहमति से ही वैकल्पिक दिनों में 50% क्षमता के साथ ऑन-कैंपस कक्षाएं संचालित की जाएंगी. वायरस की रोकथाम के लिए पूरे परिसर को नियमित रूप से साफ करना होगा.
बिहार में फिलहाल सरकारी प्राथमिक विद्यालयों में नामांकित बच्चों के लिए शैक्षिक सत्र 2021-22 में पहली बार सोमवार से पढ़ाई शुरू होगी. पहली से पांचवीं कक्षा के बच्चे डीडी बिहार पर यह पढ़ाई 28 जून से आरंभ करेंगे. दोपहर में तीन से पांच बजे तक दूरदर्शन पर यह पाठशाला चलेगी. तीन से चार कक्षा एक से तीन के विद्यार्थियों के लिए जबकि चार से पांच बजे तक एक घंटा क्लास 4 और क्लास 5 के बच्चों के लिए शिक्षक उनके पाठ्यचर्या से जुड़े पाठ पढ़ायेंगे. बिहार शिक्षा परियोजना परिषद ने यूनीसेफ के सहयोग से वीडियो पाठ तैयार कराया है.
बिहार के शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने बताया कि सीखने की कमी चिंता का विषय है और सरकार छात्रों के व्यापक हितों को ध्यान में रखते हुए शैक्षणिक संस्थानों को फिर से खोलने की योजना बना रही है. छात्रों के लिए सीखने का तरीका ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों होना चाहिए. माता-पिता की सहमति से ही वैकल्पिक दिनों में 50% क्षमता के साथ ऑन-कैंपस कक्षाएं संचालित की जाएंगी. वायरस की रोकथाम के लिए पूरे परिसर को नियमित रूप से साफ करना होगा.
बिहार में फिलहाल सरकारी प्राथमिक विद्यालयों में नामांकित बच्चों के लिए शैक्षिक सत्र 2021-22 में पहली बार सोमवार से पढ़ाई शुरू होगी. पहली से पांचवीं कक्षा के बच्चे डीडी बिहार पर यह पढ़ाई 28 जून से आरंभ करेंगे. दोपहर में तीन से पांच बजे तक दूरदर्शन पर यह पाठशाला चलेगी. तीन से चार कक्षा एक से तीन के विद्यार्थियों के लिए जबकि चार से पांच बजे तक एक घंटा क्लास 4 और क्लास 5 के बच्चों के लिए शिक्षक उनके पाठ्यचर्या से जुड़े पाठ पढ़ायेंगे. बिहार शिक्षा परियोजना परिषद ने यूनीसेफ के सहयोग से वीडियो पाठ तैयार कराया है.
गौरतलब हो कि बिहार शिक्षा परियोजना ने फिलहाल 28 जून से 31 जुलाई तक का समय पहली से पांचवीं की पाठशाला के लिए रोजाना दो घंटे का डीडी बिहार पर बुक कराया है. बिहार शिक्षा परियोजना के राज्य परियोजना निदेशक संजय सिंह ने पहले ही सभी जिलों को निर्देश दिया है कि वे अपने-अपने जिले के प्राथमिक विद्यालयों के हेडमास्टर को निर्देशित करें. विभाग द्वारा एक खास व्यवस्था की गई है. पहली से लेकर 12वीं तक की डीडी बिहार पर हुई पढ़ाई की पूरी वीडियो पाठ्य सामग्री उसी दिन ई लाइब्रेरी फॉर टीचर्स एंड स्टूडेंट (ई-लॉट्स) पर अपलोड कर दी जाती है. ताकि जो बच्चे डीडी बिहार नहीं देख सकें, वे ई लाइब्रेरी पर अपनी कक्षा का पाठ देख और पढ़ सकें.
उधर बिहार सरकार ने शनिवार को राज्य के सभी सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को उपस्थित रहने को कहा है. इन्हें विभाग की ओर से आदेश जारी कर दिया गया है. जिला प्रशासन ने इस संबंध में शनिवार को आदेश जारी किया है. हालांकि कोरोना वायरस महामारी के कारण बच्चों को स्कूलों में नहीं बुलाया जा रहा है, शिक्षकों और अन्य स्टाफ सदस्यों को उपस्थित रहने के लिए कहा गया है. राज्य सरकार के अधिकारियों ने बताया कि शिक्षकों की अनुपलब्धता को लेकर विभिन्न स्कूलों की शिकायतों के बाद यह फैसला लिया गया है. ग्रामीण क्षेत्रों के कई लोग, स्कूल के प्राचार्यों ने भी इस मुद्दे पर हरी झंडी दी है. सरकारी आदेश में स्कूलों में नहीं आने वाले शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी दी गई है.
प्रशासनिक कार्यों तथा केंद्र द्वारा भेजे जा रहे अनुदानों का लेखा-जोखा बनाने के लिए शिक्षकों की उपस्थिति आवश्यक है. प्रधानाध्यापकों को शिक्षकों की उपस्थिति को लेकर जिला प्रशासन को रिपोर्ट देने को कहा गया है. लगभग एक साल तक स्कूल बंद रहने के बाद, इन्हें धीरे-धीरे फिर से खोलना शुरू कर दिया गया है क्योंकि राज्यों में कोविड-19 के मामले कम होने शुरू हो गए हैं. केंद्र ने राज्य सरकारों को स्थानीय परिस्थितियों के आधार पर स्कूलों को फिर से खोलने का निर्णय लेने के लिए अधिकृत किया है.
आपको बता दें कि बिहार सरकार ने मार्च से स्कूलों को खोलना शुरू किया था लेकिन कोविड-19 की दूसरी लहर के कारण इन्हें दोबारा बंद कर दिया गया था. इसलिए जुलाई से दोबारा क्लासेज शुरू करने की योजना बनाई जा रही है. सभी जिलों के डीएम को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है कि स्कूल उचित सोशल डिस्टेंसिंग के मानदंडों का पालन करें और चेहरे पर मास्क जरूर लगाएं.