हिन्दुस्तान जिंक में अपनी हिस्सेदारी बेच सकती है सरकार, जानिए Vedanta ने ऐसा क्यों कहा
वेदांता लिमिटेड (Vedanta Ltd) ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड (Hindustan Zinc Ltd) में अपनी पूरी हिस्सेदारी मुक्त बाजार में बेचने के प्रस्ताव पर आगे बढ़ने की अनुमति दी है। हिंदुस्तान ज़िंक दरअसल वेदांता लिमिटेड की सहायक कंपनी है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि 2002 में हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड (एचजेडएल) के विनिवेश पर केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) के अधिकारियों और अभियोजकों की रिपोर्ट और सिफारिशों के आधार पर प्रथम दृष्टया जांच एजेंसी द्वारा ‘एक नियमित केस’ दर्ज करने का मामला बनता है।
कोर्ट ने कहा है कि सीबीआई अधिकारियों की नियमित मामला दर्ज करने की सिफारिशों में कुछ विवरणों को प्रारंभिक जांच में बंद करने वाले 'स्व-निहित नोट' द्वारा पर्याप्त रूप से हल नहीं किया गया है।
वेदांता ने शेयर बाजार को दी जानकारी में बताया कि हम आपको सूचित करना चाहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट ने 2014 की रिट याचिका पर 18 नवंबर, 2021 फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में सरकार को खुले बाजार में हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड में अपनी पूरी हिस्सेदारी बेचने के प्रस्ताव पर आगे बढ़ने की अनुमति दी है।