धर्म संसद में नफरत के बोल बर्दास्त नहीं
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को उत्तराखंड सरकार से धर्म संसद में नफरत फ़ैलाने वाली बयानबाजी पर रोक लगाने का उपाय करने को कहा है। कोर्ट ने चेतावनी दी है कि अगर कोई घ्रिणा फैलाने वाला भाषण दिया तो शीर्ष अधिकारी जिम्मेदार होंगे। यह धर्म संसद आज बुधवार को रुड़की में आयोजित की जानी है।हालां कि ,रुड़की प्रशासन ने कहा है कि महापंचायत नहीं होने देंगे।
जस्टिस एएम खानविलकर ने सरकार के वकील जतिन्दर कुमार सेठी से कहा कि उनको तत्काल कार्रवाई करनी होगी। हमें कुछ कहने की जरूरत नहीं पड़नी चाहिए।रोकथाम कार्रवाई के और भी तरीके हैं।यह आपको पता है कि कैसे करना है। उत्तराखंड सरकार के वकील को पहले के फैसले में दिए गए दिशा-निर्देशों के बारे में याद दिलाते हुए पीठ ने चेताया। कोर्ट ने कहा ,आपके आश्वासन के बावजूद अगर धर्म संसद में कोई अप्रिय घटना होती है तो हम मुख्य सचिव ,गृह सचिव और पुलिस महानिरीक्षक को जिम्मवार ठहरायेंगे। उन्होंने कहा की वे इसे रिकॉर्ड में डाल रहें हैं।
जस्टिस एएम खानविलकर की पीठ उस अर्जी पर सुनवाई कर रही थी जिसमें धर्म संसद के दौरान कथित नफरती भाषण के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई की मांग की गयी थी।