Tata की कुल बिक्री में 20% तक बढ़ जाएगा CNG और EV कारों का योगदान
भारत में पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों के चलते देश में सीएनजी और इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की डिमांड में इजाफा हुआ है। पिछले दो सालों के अंदर कई दिग्गज कार निर्माता कंपनियों ने बाजार में अपनी सीएनजी और इलेक्ट्रिक कारें लॉन्च की हैं। वहीं, अब टाटा मोटर्स ने उम्मीद जताई है कि अगले 3 से 5 वर्षों में उसकी कुल बिक्री में सीएनजी और इलेक्ट्रिक कारों का योगदान बढ़ेगा।
टाटा मोटर्स को उम्मीद है कि अगले तीन से पांच वर्षों में उसकी कुल बिक्री में सीएनजी कारों का योगदान धीरे-धीरे 20 प्रतिशत तक बढ़ जाएगा। इसके पीछे कंपनी ने तर्क देते हुए कहा कि उसे उम्मीद है कि ग्राहक अब पेट्रोल और डीजल गाड़ियों की तुलना में सीएनजी और ईवी का चुनाव करेंगे।
आने वाले वर्षों में बढ़ेगा सीएनजी का व्यापाार
टाटा मोटर्स पैसेंजर और इलेक्ट्रिक व्हीकल के अध्यक्ष शैलेश चंद्र ने कहा कि उन्हें लगता है कि सीएनजी एक ऐसा सेगमेंट है, जो आने वाले वर्षों में बढ़ने वाला है। यह पेट्रोल का एक सबसेट होगा, क्योंकि यह पेट्रोल की बढ़ती लागत के साथ अधिक ट्रिगर किया जा रहा है। यह काफी हद तक पेट्रोल और एंट्री सेगमेंट में डीजल की जगह ले लेगा। इसलिए, कंपनी इसका एक मजबूत भविष्य देखती है।
सीएनजी पर ज्यादा फोकस
चंद्रा ने कहा कि वर्तमान में उसके पोर्टफोलियो में डीजल कारों की बिक्री करीब 15 फीसदी है, जबकि पेट्रोल और सीएनजी की बिक्री क्रमश: लगभग 66 फीसदी और 12 फीसदी है। शेष ईवी के खाते में है। उन्होंने कहा कि अगले तीन से पांच वर्षों में पेट्रोल संभवतः लगभग 50 प्रतिशत के स्तर पर आ जाएगा। वहीं, सीएनजी 20 प्रतिशत तक चला जाएगा और डीजल लगभग 10 प्रतिशत तक नीचे आ जाएगा। आगे उन्होंने कहा कि कंपनी सीएनजी मॉडल रेंज के विस्तार के लिए हैचबैक और कॉम्पैक्ट सेडान सेगमेंट पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
टाटा का ईवी प्लान
चंद्रा ने कहा कि जहां तक टाटा मोटर्स का सवाल है, हमारे पास बहुत मजबूत बुकिंग पाइपलाइन है। कंपनी अपनी टेक्नोलॉजी पर ध्यान केंद्रित कर रही है। कंपनी इलेक्ट्रिक कारों के विस्तार पर भी काम कर रही है। जो न केवल हमें सीएएफई की आवश्यकता को पूरा करने में मदद करेगी, बल्कि शून्य उत्सर्जन की दिशा में भी काम करेगा। चंद्रा ने कहा कि कंपनी ईवी पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
कब खत्म होगी सेमीकंडक्टर की कमी?
उन्होंने बताया कि हम अपनी आपूर्ति में सुधार कर रहे हैं। हम उम्मीद करते हैं कि सेमीकंडक्टर के बेहतर दृष्टिकोण को देखते हुए हम इसे और बेहतर बनाएंगे। हालांकि उन्होंने कहा कि सेमीकंडक्टर की कमी अभी भी एक बड़ी समस्या बनी हुई है। चंद्रा ने कहा कि इसमें दूसरी तिमाही से तीसरी तिमाही की तुलना में चौथी तिमाही में सुधार हो रहा है।