बिहार का अनोखा पहाड़ जो उगलती है मोती और मूंगा ! गांव के लोग चलाते हैं हल तो अक्सर मिल जाती है मोतियां

बिहार का अनोखा पहाड़ जो उगलती है मोती और मूंगा ! गांव के लोग चलाते हैं हल तो अक्सर मिल जाती है मोतियां


बिहार का अनोखा पहाड़ जो उगलती है मोती और मूंगा ! गांव के लोग चलाते हैं हल तो अक्सर मिल जाती है मोतियां

बिहार के गया में एक अनोखा पहाड़ है, जिससे मूसलाधार बारिश के साथ मोती और मूंगे निकलती है. बारिश के दिनों में जब मूसलाधार वर्षा होती है, तो किसानों के खेतों में पानी ही नहीं, बल्कि पहाड़ से मोतिया भी आ जाती है. यह पहाड़ धार्मिक और ऐतिहासिक रूप से अति प्राचीन है. विष्णु पुराण में इस पहाड़ का जिक्र है. जानकार बताते हैं, कि कनिंघम ने भी बौद्ध स्थलों की खोज के दौरान इस पहाड़ का जिक्र किया है.

मूसलाधार बारिश के साथ मोती कहां से निकलते हैं, यह अभी तक स्पष्ट नहीं हुआ है, क्योंकि यहां आस-पास विभिन्न राजाओं के महलों के अवशेष भी मिलते हैं. वही, प्राकृतिक संपदा के नजरिए से देखें तो कीमती पत्थर इस पहाड़ी पर मौजूद है. जानकारी के अनुसार बिहार के गया ज़िले के वजीरगंज में हंसराज और सोमनाथ पहाड़ी हैं. दोनों पहाड़ी सटे हुए हैं. हंसराज पहाड़ के पास हसरा गांव बसा हुआ है.

इसके अलावा इसके आसपास विशुनपुर समेत अन्य गांव हैं. जब मूसलाधार बारिश होती है, तो पहाड़ की तराई से मोतिया निकलती है. मोतिया बहकर गांव की ओर चली आती है और खेतों में समा जाती है. इस इलाके के लोगों को मूसलाधार बारिश का बेसब्री से इंतजार रहता है. क्योंकि मोती पाने की ललक हर ग्रामीण को होती है,

लेकिन मोतियो को खोजना उतना आसान नहीं होता, लेकिन जो भी काफी मेहनत से मोतियां खोजता है, उसे उसका फल मोती के रूप में मिल ही जाता है. अक्सर कम उम्र के बच्चे और युवाओं के हाथ मोती ज्यादा लगते हैं.