बिहार के एक दर्जन शहरों में शुरू हुआ बवाल, रेलों में लगाई आग, 'अग्निपथ' पर चलने को तैयार नहीं छात्र
बिहार के एक दर्जन शहरों में शुरू हुआ बवाल, रेलों में लगाई आग, 'अग्निपथ' पर चलने को तैयार नहीं छात्र
सेना भर्ती की नई योजना 'अग्निपथ' के विरोध में बिहार के कई शहरों में भारी बवाल शुरू हो गया है. जहानाबाद, बक्सर , मुजफ्फरपुर, आरा, छपरा, कैमूर, नवादा, गया, सहरसा, मुंगेर सहित कई शहरों में गुरुवार सुबह से ही युवाओं की टोली सड़क और रेलवे लाइन जाम कर विरोध करने लगी. कैमूर में एक यात्री ट्रेन को भीड़ ने आग के हवाले कर दिया. वही बक्सर के डुमरांव में भी रेल लाइन जाम कर विरोध जताया गया. नवादा, जहानाबाद सहित कई शहरों में भारी बवाल शुरू हो गया है. सहरसा-मानसी रेलखंड जाम कर युवाओं ने जोरदार प्रदर्शन किया है. प्रदर्शनकारियों ने कई जगहों पर रेल-सेवा बाधित कर उग्र प्रदर्शन करने से अग्निपथ योजना पर पुनर्विचार करने की मांग की, प्रदर्शनकारियों के निशने पर मुख्य रूप से रेलवे के दिल्ली –हावड़ा रेलखंड, मुगलसराय-गया-किउल रेलखंड, बरौनी से गुजरने वाली कई लाइन पर रेल-सेवा बाधित है. गुस्साए आन्दोलनकारी युवाओं का कहना है कि केंद्र सरकार ने सेना भर्ती में नियम बदलकर उनका भविष्य चौपट करने वाला निर्णय लिया है. हालांकि पुलिस-प्रशासन की ओर से आंदोलन कर रहे छात्रों को काबू में करने की कोशिश की जा रही है. बावजूद इसके पुरे राज्य में रेल यात्रियों को भारी फजीहत का सामना करना पड़ रहा है. दरअसल, युवाओं का कहना है कि आखिर मात्र 4 साल नौकरी करने के बाद उनका भविष्य क्या होगा. तीनों सेनाओं में जवानों की कम समय के लिए भर्ती होगी. सैन्य बलों में जवानों की 4 साल के लिए भर्ती होगी। 17 साल से लेकर 21 साल तक के लोग भर्ती होंगे. छह महीने की ट्रेनिंग के बाद सैन्य बलों में शामिल होंगे. जवान साढ़े तीन साल फोर्स में एक्टिव ड्यूटी करेंगे। बाद में 75 फीसदी जवानों को रिटायर कर दिया जाएगा. 25 फीसदी जवानों की एक महीने बाद फिर से भर्ती होगी. भर्ती सेना के तय नियमानुसार ही होगी. मेरिट और चार साल के सेवाकाल के दौरान किए गए प्रदर्शन के आधार पर केंद्रीयीकृत और पारदर्शी मूल्य़ांकन होगा. 100 % उम्मीदवार वालंटियर के तौर पर रेगुलर काडर के लिए आवेदन कर सकते हैं.