मुजफ्फरपुर में क्या फर्जी कागजात पर भी मिल रहा सिम ?
फर्जी कागजात पर सिम कार्ड बेचने के मामले में कई दुकानदार जांच की जद में आ गए है। इसके मद्देनजर विशेष पुलिस टीम की जांच शुरू कर दी गई है। बताया गया कि रंगदारी मांगने के मामले में फर्जी कागजात पर सिम कार्ड निकासी करने की बात सामने आने के बाद ऐसे दुकानदारों पर नकेल कसने की कवायद तेज कर दी गई है। बता दें कि हाल के दिनों में जिले के अहियापुर, नगर व कांटी थाना क्षेत्र में रंगदारी मांगने के कई मामले सामने आए हैं। इन सभी मामलों में पुलिस की जांच चल रही है। हालांकि किसी की भी मामले में आरोपितों की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। इसके कारण रंगदारी मांगने वाले आरोपितों के हौसले बुलंद हैं। पुलिस रिकार्ड पर गौर करें तो पूर्व में भी रंगदारी की घटनाएं में फर्जी कागजात पर सिम निकासी का मामले का पर्दाफाश हो चुका है। इन सभी घटनाओं को देखते ही फर्जी कागजात पर सिम बेचने वाले दुकानदारों पर कानूनी कार्रवाई की जा रही है।
नगर थाना क्षेत्र के मोतीझील के मोबाइल कारोबारी दिलीप कुमार से चार लाख रुपये रंगदारी मांगने के मामले में पुलिस अब तक कोई कार्रवाई पर नहीं पहुंची है। हालांकि पुलिस का कहना है कि काल डिटेल्स निकाला जा रहा है। इसमें काफी जानकारी मिली है। इसके आधार पर कई जगहों पर छापेमारी की जा रही है। जल्द ही आरोपितों को पकड़ा जाएगा।
मुशहरी प्रखंड स्थित एसएफसी के गोदाम पर खराब खाद्यान्न की खेप मिलने के मामले की चार सदस्यीय टीम ने जांच की। सभी बिंदुओं पर जांच कर रिपोर्ट अपर समाहर्ता राजस्व को सौंप दिया गया है। जांच के क्रम में सहायक प्रबंधक मुशहरी द्वारा बताया गया कि खराब गुणवत्ता वाले बैग को संबंधित मिलर द्वारा वापस ले लिया गया है। साथ ही उसकी जगह पर अच्छी गुणवत्ता वाली खाद्यान्न उपलब्ध करा दिया गया है। औचक जांच में मुशहरी गोदाम में खराब गुणवत्ता का चावल नहीं पाया गया। एसएफसी के जिला प्रबंधक अभिनय भास्कर ने बताया कि मिलरों से एग्रीमेंट है। इसके मुताबिक खाद्यान्न खराब मिलने के बाद उसे बदलकर दूसरा अनाज उन्हें देना है। इसके तहत खाद्यान्न बदला जा चुका है। उन्होंने कहा कि विभाग के गोदाम पर ही खराब अनाज को उनके विभाग के कर्मी द्वारा देख लिया गया था। अगर डीलर के यहां भी उक्त अनाज जाता तो उसे वापस कर मिलरों को अच्छा अनाज देना पड़ता। बता दें कि पिछले सप्ताह मुशहरी प्रखंड पर खराब अनाज मिलने का मामला सामने आया था। इसके बाद प्रशासन की ओर से इस पर संज्ञान लेते हुए जांच का आदेश दिया गया था।