हिंदू एकता महाकुंभ में आरएसएस के प्रमुख मोहन भागवत ने सभी को दिलाई शपथ
तपोभूमि चित्रकूट में जगद्गुरू तुलसी पीठाधीश्वर पद्म विभूषण स्वामी रामभद्राचार्य की पहल पर आयोजित हिंदू एकता महाकुंभ में बुधवार की सुबह से पावन धरती पर चाहे पंथ अनेक हों-हम सब हिंदू एक हों... की गूंज सुनाई दी। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने सभी को शपथ दिलाते हुए कहा, 'उन लोगों की घर वापसी के लिए काम करें, जो लोग हिंदू धर्म को छोड़ चुके हैं और दूसरे धर्म में परिवर्तित हो चुके हैं। सर संघचालक ने कहा, स्वार्थ की एकता ज्यादा दिन नहीं टिकती। अहंकार भूल अपनों के लिए प्रेम से कार्य करें। जो हिंदू घर छोड़ गए उन्हें वापस बुलाकर परिवार का सदस्य बनाएंगे।'
उन्होनें कहा, ''मैं, हिंदू संस्कृति का धर्मयोद्धा मर्यादा पुरुषोत्मक श्रीराम जी की संकल्प स्थली पर सर्वशक्तिमान परमेश्वर को साक्षी मानकर संकल्प लेता हूं कि मैं अपने पवित्र हिंदू धर्म, हिंदू संस्कृति एवं हिंदू समाज के सौरक्षण, संरक्षण, संवर्धन एवं सुरक्षा के लिए आजीवन कार्य करूंगा। मैं, प्रतिज्ञा करता हूं कि किसी भी हिंदू भाई को हिंदू धर्म से विमुख नहीं होने दूंगा तथा जो भाई धर्म छोड़कर चले गए हैं उनकी भी घर वापसी के लिए कार्य करूंगा एवं उन्हें परिवार का हिस्सा बनाउंगा। मैं, प्रतिज्ञा करता हूं कि हिंदू बहनों की अस्मिता सम्मान और शील की रक्षा के लिए सर्वस्य अर्पण करूंगा। मैं, जाति वर्ग भाषा पंथ के भेदभावों से ऊपर उठकर अपने हिंदू समाज को समरस सशक्त और अभेद बनाने के लिए पूरी शक्ति से कार्य करूंगा। भारत माता की जय।''
मुख्य अतिथि के तौर पर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत के साथ जगद्गुरु ने शंखनाद और वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच दीप प्रज्वलन करके कार्यक्रम का शुभारंभ किया है। मंच पर मौजूद समेत संत समाज, हिंदू संगठनों और राजनीती से जुड़ी तमाम हस्तियाें ने वंदे मातरम गान किया और हिंदू एकता पर बल दिया। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, श्रीश्री रविशंकर, ज्ञानानंदजी गीता मनीषी, सद्गुरु ब्रह्मेश्वरानंद, महानिर्वाणी अखाड़ा से रविंद्र पुरी, आचार्य लोकेश मुनि, साध्वी ऋतंभरा, स्वामी चिदानंद सरस्वती, रमेशभाई ओझा, निंबार्काचार्यश्री जी महाराज, आचार्य रामचंद्र दास, भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के प्रतिनिधि केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे समेत संत समाज के लोग मंच पर मौजूद रहे।