ज्वालामुखी में बिना अध्यापकों के चल रहे हैं 30 प्राथमिक स्कूल
हिमाचल प्रदेश उच्चन्यायालय द्वारा जेबीटी भर्ती में बीएड धारकों को भी पात्रता दिए जाने के फैसले के बाद प्रदेश भर के प्राइमरी स्कूलों में अध्यापकों की कमी पूरा होना की उम्मीद जगी है। कारनवश सूबे के सबसे बड़े जिला कांगड़ा में भी उन स्कूलों के विद्यार्थियों को राहत मिल सकती है, जिनमें बच्चे तो हैं लेकिन पढ़ाने वाला कोई नहीं। इन स्कूलों में शिक्षा विभाग नजदीकी सेंटर स्कूलों से वैकल्पिक तौर पर अध्यापक भेजकर बच्चों की पढ़ाई की व्यवस्था करता है।खुंडिया शिक्षा खंड के स्कूलों के हालातों के बारे जान कर आप हैरान रह जाएंगे। जहां स्कूलों के बच्चे बिना अध्यापक के पढ़ाई कर रहे हैं। हैरानीजनक है कि प्राथमिक स्कूल जसेड में पढ़ने के लिए बच्चे तो हैं तो परन्तु स्कूल भवन ना होने के कारण बच्चों की पढ़ाई ग्रामीणों द्वारा भवन की व्यवस्था ना होने तक एक स्लेटपोस घर में करवाई जा रही है। प्राइमरी स्कूल (जीपीएस) थलकान के 17 बच्चों के पास ना अध्यापक है और न भवन जबकि जीपीएस जसेड में 27 बच्चों को पढ़ाने के लिए एक अध्यापक तो है पर अपना भवन नहीं हैं। ऐसे में इनका भविष्य क्या होगा कोई नहीं जानता, लेकिन इस खंड के बाकि स्कूलों की कहानी भी बहुत अलग नही है। आंकड़े चौंकाते हैं। शिक्षा खंड के 4 स्कूल जीपीएस मटेहर, जीपीएस मंडू, जीपीएस जमूली और जीपीएस थलकान बिना अध्यापक के ही चल रहे हैं, जबकि 7 स्कूल जीपीएस सपरालू, जीपीएस जसेर, जीपीएस दोधरू, जीपीएस बसीण, जीपीएस छमार क्वाली, जीपीएस डोला खरयाणा और जीपीएएस थांबा सिर्फ एक अध्यापक के सहारे चल रहे हैं। इसमें जीपीएस दोधरू के विभिन्न कक्षाओं के 36 बच्चों की व्यथा देखिए कि इन्हें मात्र एक अध्यापक के सहारे पढ़ने को मजबूर किया जा रहा है।