PM मोदी दो दिवसीय यात्रा पर सऊदी अरब जाएंगे, प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान से करेंगे मुलाकात
रियाद में प्रधानमंत्री PM मोदी और प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के बीच द्विपक्षीय बैठक होगी, जिसमें कई क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने को लेकर नये समझौते होने की संभावना है। इसके अलावा दोनों नेता क्षेत्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर विचार-विमर्श करेंगे जिनमें इज़रायल फिलिस्तीन संघर्ष और भारत मध्य पूर्व यूरोप आर्थिक काॅरीडोर (आईमैक) को आगे बढ़ाने के मुद्दे शामिल

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस एवं प्रधानमंत्री प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के निमंत्रण पर 22-23 अप्रैल को दो दिवसीय सऊदी अरब की यात्रा पर जाएंगे। विदेश मंत्रालय के अनुसार वर्ष 2016 और 2019 के बाद प्रधानमंत्री की सऊदी अरब की यह तीसरी यात्रा होगी। यह यात्रा सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस एवं प्रधानमंत्री की सितंबर 2023 में जी 20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने और भारत-सऊदी अरब रणनीतिक साझीदारी परिषद की पहली बैठक की सह-अध्यक्षता के लिए नई दिल्ली की राजकीय यात्रा के बाद की गई है।
रियाद में प्रधानमंत्री PM मोदी और प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के बीच द्विपक्षीय बैठक होगी, जिसमें कई क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने को लेकर नये समझौते होने की संभावना है। इसके अलावा दोनों नेता क्षेत्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर विचार-विमर्श करेंगे जिनमें इज़रायल फिलिस्तीन संघर्ष और भारत मध्य पूर्व यूरोप आर्थिक काॅरीडोर (आईमैक) को आगे बढ़ाने के मुद्दे शामिल हैं।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत और सऊदी अरब के सामाजिक-सांस्कृतिक और व्यापारिक संपर्कों के लंबे इतिहास के साथ घनिष्ठ और मैत्रीपूर्ण संबंध हैं। रणनीतिक साझीदार के रूप में, दोनों देश राजनीतिक, रक्षा, सुरक्षा, व्यापार, निवेश, ऊर्जा, प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य, शिक्षा, संस्कृति और लोगों के बीच संबंधों सहित विभिन्न क्षेत्रों में मजबूत द्विपक्षीय संबंध साझा करते हैं।
सऊदी अरब के साथ भारत के संबंध पिछले दशक में एक मजबूत और स्थायी साझीदारी के रूप में विकसित हुए हैं तथा बढ़ती निवेश प्रतिबद्धताओं, रक्षा सहयोग को व्यापक बनाने और सभी क्षेत्रों में गहन उच्च स्तरीय आदान-प्रदान के साथ कई रणनीतिक क्षेत्रों में सहयोग का विस्तार हुआ है।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि प्रधानमंत्री की यात्रा सऊदी अरब के साथ अपने द्विपक्षीय संबंधों को भारत के महत्व को दर्शाती है। यह हमारी बहुआयामी साझीदारी को और गहरा और मजबूत करने के साथ-साथ आपसी हित के विभिन्न क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान करने का अवसर प्रदान करेगा।