प्रयागराज में महाकुंभ बसाने वाले लल्लूजी के गोदाम में भीषण आग, सेना को बुलाया गया

अग्निशमन अधिकारी आर के पांडे ने बताया कि मौके पर सिविल लाइंस, हंडिया, मेजा, काेरांव, नैनी, प्रतापगढ़, कौशांबी से 18  दमकल गाड़ियों की मदद से कड़ी मशक्कत के बाद आग पर पूरी तरह से छह घंटे में  बाद काबू पा लिया गया।  इसमें 14 दमकल गाड़ियां फायर सर्विस के थे जबकि चार सेना की दमकल गाड़ियां शामिल थी।  आग की लपटें और धुआं दूर तक दिखायी पड रही थी। 

प्रयागराज में महाकुंभ बसाने वाले लल्लूजी के गोदाम में भीषण आग, सेना को बुलाया गया
fire in Lallu Ji Tent House in Prayagraj

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में शास्त्री ब्रिज के बीच में काली सड़क पर स्थित कुंभ मेला बसाने वाले लल्लू जी टेंट हाउस के अस्थाई गोदाम में लगी भीषण आग पर कडी मशक्कत के बाद काबू पा लिया गया। पुलिस उपायुक्त (नगर) अभिषेक भारती ने बताया कि सुबह सात बजे सूचना मिली कि महाकुंभ बसाने वाले लल्लूजी के काली सड़क पर स्थित अस्थाई गोदाम में आग लग गई।

अग्निशमन अधिकारी आर के पांडे ने बताया कि मौके पर सिविल लाइंस, हंडिया, मेजा, काेरांव, नैनी, प्रतापगढ़, कौशांबी से 18  दमकल गाड़ियों की मदद से कड़ी मशक्कत के बाद आग पर पूरी तरह से छह घंटे में  बाद काबू पा लिया गया।  इसमें 14 दमकल गाड़ियां फायर सर्विस के थे जबकि चार सेना की दमकल गाड़ियां शामिल थी।  आग की लपटें और धुआं दूर तक दिखायी पड रही थी। 

उन्होंने बताया कि लल्लू जी एंड संस के 20 कर्मचारियों को गोदाम के अंदर सुरक्षित निकालने के प्रयास में मुख्य अग्निशमन अधिकारी आर के पांडे, अग्निशमन अधिकारी राजेश कुमार चौरसिया, अग्निशमन द्वितीय अधिकारी ( फायर स्टेशन नैनी) महंतु , दमकल कर्मी इंद्रजीत, प्रदीप कुमार और शिवमूरत यादव झुलस गए। आग से किसी प्रकार की जनहानि नहीं हुई। आग लगने का कारण ज्ञात नहीं हो सका है। उन्होंने बताया कि गोदाम के पीछे करीब 500 लोगों की मलिन बस्ती को आग लगने के बाद तत्काल खाली करा लिया गया था।

उन्होंने बताया कि महाकुंभ मेला समाप्त होने के बाद सभी टेंट कंपनियां अपना अपना सामान परेड ग्राउंड में इकट्ठा किये हुई हैं, जहां से वे धीरे धीरे सामान को अपने गोदाम में भेज रहे हैं। इसी बीच लल्लू जी एंड संस के  परेड ग्राउंड काली सड़क स्थित अस्थायी  गोदाम में आग लग जाने के कारण लाखों रूपए का सामान जलकर राख हो गया।     अग्नि में नुकसान का तत्काल आकलन नहीं लगाया जा सका है। फिर भी लाखों रूपए का माल जलकर नष्ट हो गया है।