9 महीने पहले दूसरी डोज लगवा चुके लोगों को लगेगी बूस्टर डोज
देश में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में इन दिनों तेजी देखी जा रही है. कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन के केस भी भारत में 500 का आंकड़ा पर कर चुके हैं. इसे देखते हुए अब 10 जनवरी से देश में स्वास्थ्य और अग्रिम मोर्चे पर तैनात कर्मियों, अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रसित 60 साल की उम्र से अधिक के लोगों को डॉक्टरी सलाह पर एहतियात के तौर पर टीकों की तीसरी खुराक दिए जाने की शुरुआत की जाएगी. इसे बूस्टर डोज की बजाय प्रीकॉशन डोज नाम दिया गया है.
इसके साथ ही एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि जिन लोगों को कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज लगवाए हुए 9 महीने बीत चुके हैं, उन्हें भी यह प्रीकॉशन डोज लगाई जा सकती है. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में इस मामले से जुड़े शीर्ष सरकारी सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी गई है. इसमें कहा गया है कि दूसरी और तीसरी डोज के बीच 9 महीने के अंतराल का निर्णय पांच वैज्ञानिक अध्ययनों पर आधारित है. इन्हें इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) और फरीदाबाद के ट्रांसलेशनल हेल्थ साइंस एंड टेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट ने किया था. इस 9 महीने के अंतराल के आधार पर उन्हीं लोगों को अभी तीसरी डोज लग पाएगी जिन्हें इस साल 10 अप्रैल तक दूसरी डोज लगा दी गई थी. इन लोगों में प्रमुख रूप से हेल्थकेयर और फ्रंटलाइन वर्कर शामिल हैं, जिन्हें 16 जनवरी से टीकाकरण शुरू किया गया था.