बिहार: नियोजन की प्रक्रिया में हुआ सुधार तो शिक्षकों का पड़ गया अकाल, बगैर शिक्षक ही पढ़ाई करेंगे बच्चे?
बिहार सरकार के शिक्षा विभाग ने लंबे समय तक चले टालमटोल के बाद छठे दौर के लिए शिक्षकों के नियोजन की प्रक्रिया शुरू कर दी है. इस दौर में क्लास एक से लेकर आठ तक के लिए 90 हजार 400 शिक्षकों का नियोजन होना था. शिक्षा विभाग ने अपनी तरफ से इसको लेकर नियोजन की प्रक्रिया शुरू कर दी है लेकिन सरकार के द्वारा जो उम्मीद की गई थी उसके मुताबिक अभ्यर्थी ही नियोजन के लिए नहीं पहुंच रहे हैं.जानकारी के मुताबिक, छठे दौर के नियोजन की दो काउंसलिंग पूरी होने को है, लेकिन आधी सीटें ही भरी जा सकी है. दूसरी ओर राजधानी पटना के स्कूलों में शिक्षकों की कमी बरकरार है. शिक्षा विभाग ने स्कूलों में कमी को देखते हुए शिक्षक नियोजन का काम तो शुरू कर दिया. लेकिन उसे इसमें निराशा ही हाथ लगी है. ऐसा इसलिए क्योंकि पहले दौर की काउंसलिंग पूरी हो चुकी है और दूसरे दौर की काउंसलिंग की प्रक्रिया भी अपने अंतिम पड़ाव पर है. लेकिन इसका नतीजा सीफर नजर आ रहा है क्योंकि अभी तक आधी सीटें भी नहीं भरी हैं.