बिहार के CM नीतीश कुमार के सामने उठी मांग तो उठाया ऐसा कदम

बिहार के CM नीतीश कुमार के सामने उठी मांग तो उठाया ऐसा कदम


 बिहार के मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार के सामने सोमवार को एक अजीब मांग उठी। राज्‍य के एक गांव को उत्‍तर प्रदेश में शिफ्ट करने की गुहार सुनकर सीएम भी हैरान रह गए।  गोपालगंज के एक बुजुर्ग ने बड़े रोचक ढंग से सीएम को अपनी व्‍यथा सुनाई। वे राष्‍ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर कविता 'सिपाही' की पंक्तियां पढ़ते हुए सीएम नीतीश तक पहुंचे और बताया कि रिटायर्ड सरकारी शिक्षक हैं। उन्‍होंने बताया कि उनका गांव गोपालगंज जिले में यूपी की सीमा पर पड़ता है। इसके बाद बुजुर्ग ने बताया कि उनके गांव में सड़क बन गई है और कोई दिक्‍कत नहीं है, लेकिन उनके गांव को अब बिहार की बजाय उत्‍तर प्रदेश में मिलवा दिया जाए। सीएम ने पूछा कि आपको कोई शिकायत है तो बुजुर्ग ने कहा कि कोई दिक्‍कत नहीं है, बस मेरे गांव को यूपी में मिलवा दीजिए।

दिनकर की कविता 'इतिहासों में अमर रहूं, है ऐसी मृत्‍यु नहीं मेरी...' सुनाते हुए पहुंचे इस फरियादी की बात सुनकर सीएम के अलावा उनके साथ मौजूद अधिकारी भी हैरान रह गए। गोपालगंज जिले के इंटर कालेज के पूर्व प्राचार्य योगेंद्र मिश्र ने कविता सुनाते हुए सीएम नीतीश कुमार से अपनी शिकायत सुनाई। उन्‍होंने कहा कि उनके गांव से उत्‍तर प्रदेश का कुशीनगर जिला काफी नजदीक है। गांव से कुशीनगर जिले की सीमा केवल एक किलोमीटर पर शुरू हो जाती है और यूपी का जिला मुख्‍यालय भी गांव से नजदीक है। दूसरी तरफ गोपालगंज जिला मुख्‍यालय उनके गांव से दूर पड़ता है। इसलिए उनके गांव को यूपी में मिला दिया जाए। मुख्‍यमंत्री ने उनकी शिकायत को पथ निर्माण विभाग के पास भेज दिया।

सीमावर्ती इलाके के गांवों में रहती है ऐसी समस्‍या

बिहार और यूपी के सीमावर्ती जिलों के कई गांवों में इस तरह की समस्‍या ग्रामीण उठाते रहे हैं। उदाहरण के लिए बक्‍सर और यूपी के बलिया जिले के बीच दियारा के कई गांवों में भी यह समस्‍या है। बिहार के बक्‍सर और उत्‍तर प्रदेश के बलिया जिले को गंगा की धारा अलग करती है। लेकिन बक्‍सर जिले में सिमरी और चक्‍की प्रखंड से सटे दो-तीन गांव ऐसे हैं जो यूपी में पड़ते हैं और उन्‍हें अपने जिला मुख्‍यालय जाने के लिए गंगा को पार करना पड़ता है। खास बात यह है कि कुछ साल पहले यूपी सरकार ने इन गांवों की सुविधा के लिए गंगा पर पुल भी बनवाया है, जिसका अधिक बिहार के तमाम गांवों को भी मिलता है।