गांधी, पटेल के बराबर खुद को खड़ा करने में मोदी नहीं होंगे सफल: थरूर
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपनी चालाकी भरी राजनीतिक चालों से खुद को प्रतिष्ठित गुजरातियों की सूची में महात्मा गांधी और सरदार वल्लभभाई पटेल की बराबरी में खड़ा करना चाह रहे हैं। लेकिन वह इसमें सफल नहीं होंगे। यह बात कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने अपनी अंग्रेजी में लिखी पुस्तक-गौरव, भेदभाव और विद्वत्ता (PRIDE, PREJUDICE AND PUNDITRY) में कही है।पुस्तक में लिखा है कि खुद को महान साबित करने का सिलसिला तभी शुरू हो गया था जब नरेन्द्र मोदी मुख्यमंत्री थे। 2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी ने सरदार पटेल की विरासत के साथ खुद को जोड़कर पेश किया था। उस समय पूरे देश के किसानों से उनके कृषि उपकरण दान में लिए गए थे। कहा गया था कि इन उपकरणों से लौह पुरुष की 600 फुट ऊंची इस्पात की प्रतिमा बनवाई जाएगी। यह दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा होगी और उसके सामने अमेरिका में लगी स्टेच्यू आफ लिबर्टी भी छोटी साबित हो जाएगी। लेकिन भारतीय क्षमता को दरकिनार करते हुए चीन की फाउंड्री में इस प्रतिमा को गढ़वाया गया। थरूर की पुस्तक में मोदी की भूमिका को लेकर और भी कई आलोचनात्मक टिप्पणियां की गई हैं।