पीएमसीएच : बच्चे को गोद में लेकर भटकते रहे मां-बाप, डॉक्टर और प्रशासन रहे गायब
एक मां-बाप बच्चे को लेकर अस्पताल उपचार के लिए गोद में लेकर पहुंचते हैं. बच्चा उनके गोद में बेसुध पड़ा होता है. उसके माता-पिता गोद में इधर-उधर बच्चे को लेकर भटकते रहते हैं. माता पिता अस्पताल में बच्चे की इलाज को गुहार लगाते हैं. रोते बिलखते रहते हैं, लेकिन अस्पताल प्रशासन के कानों पर जूं तक नहीं रेंगता है. न उन्हें ट्रॉलि प्रदान कराते हैं और ना ही इलाज की कोई व्यवस्था करते हैं. यहां तक की रोते बिलखते उस मां बाप को यह कहकर भटका दिया जाता है कि यहां बच्चा वार्ड नहीं है. इस सलाह के साथ उनकी जिम्मेदारी खत्म. ये उस अस्पताल की कहानी है, जो जल्द ही 100 साल पूरा करने वाला है. हाय रे सरकारी अस्पताल और यहाँ की व्यवस्था.
पीएमसीएच के सरकारी दावे खोखले नजर आ रहा है. लापरवाही का आलम ये है कि यहां इमरजेंसी में डॉक्टरों ने इलाज करने के बजाय गंभीर हालत में बच्चे को प्राथमिक इलाज नहीं कर परिजनों को बच्चा वार्ड में ले जाने को कह अपना पल्ला झाड़ दिया. हद तो तब हुई जब पीएमसीएच सुविधाओं की गुण गाने वाले किसी कर्मी और न ही डॉक्टरों ने मानवता का सही परिचय दिया है. परिजन गंभीर हालत में बच्चे को गोद में उठा कर बाइक के जरिये इमरजेंसी वार्ड से बच्चा वार्ड की ओर भागते नजर आए. पीएमसीएच में जहां स्ट्रेचर और कर्मियों की कमी नहीं है. वहीं मानवता को भूलने वाले डॉक्टर की लापरवाही साफ नजर आ रहा है, जहां एक मां चीखती चिल्लाती रही, पर किसी ने ये तक जहमत नहीं उठाया कि बच्चे का पहले इलाज कर दें.